भूख और मौत के बीच तड़पती मासूम की जिंदगी..!
सीतापुर (यूपी)। उत्तर प्रदेश में सीतापुर जिले के ब्लाक सकरन के मजलिसपुर गांव में एक गरीब परिवार की बच्ची ने खुद को आग लगा ली। भूख से तरस रही 12 साल की बच्ची आधी रोटी के लिए खुद को आग के हवाले कर दी। जिससे उसका शरीर 70 फीसदी तक जल गया। उस वक्त उसके घर में कोई नहीं था। आग लगाने की घटना का पता चलने पर गांव वालों ने एंबुलेंस बुलाई गई जिसमे उसे लेकर जिला अस्पताल जाया गया। हालांकि, वहां उसकी हालत में कोई सुधार नहीं आया। बच्ची के पिता जब काम से घर लौटे तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई।
ख़बरों के मुताबिक मजलिसपुर निवासी राकेश नामक शख्स की 3 संतानें हैं। उसके 2 बच्चे पढ़ने स्कूल गए हुए थे, जबकि राकेश किसी के खेत में काम करने चला गया था। उसकी 12 साल की बच्ची अपने स्कूल से घर लौटी तो उसे खाने के लिए एक रोटी ही मिली। जिसमें एक छोटा भाई भी था। बड़ी बहन का कहना था कि एक रोटी को आधी-आधी दोनों खा लेते हैं, लेकिन भाई ने पूरी एक रोटी खा ली। उसके बाद जब बहन को अपनी भूख बर्दास्त नहीं हुई तो उसने घर में रखा केरोसिन डालकर खुद को आग लगा ली। घर में उसके खाने लायक कुछ नहीं था।
70 फीसदी जली बच्ची, घर पर मौत से जूझ रही
बच्ची के आग से जल जाने पर पड़ोसियों का ध्यान उस ओर गया। उसके बाद अस्पताल में भर्ती कराई गई। हालांकि, वह लगभग 70 फीसदी जल चुकी थी। सरकारी डॉक्टर ने उसके परिजनों को बाहर से दवा लाने को कहा। मगर, उसके पिता के पास दवा लाने लायक भी पैसे नहीं थे। यह तक सामने आया है कि पिता भी कई दिनों से भूखा था। उधर, घर पर उसके अन्य दो बच्चे भी भूखे थे। ऐसे में वह बच्ची को अस्पताल से उसी हालत में लेकर वापस घर ले आया।
घटना को बीते 4 दिन हो गए मगर….
घर पहुंचकर उसने कुछ पड़ोसियों से बच्चों के लिए रोटी मांगी। वहीं, उसकी बच्ची तड़पती रही। गरीबी के चलते बच्ची को उसने अपने घर में ही मरने के लिए छोड़ दिया है। बच्ची के जलने की घटना को कई दिन हो चुके हैं, लेकिन कोई भी कोई भी प्रशासनिक अधिकारी उनकी मदद को हाथ नहीं बढ़ा रहा।