Welcome to CRIME TIME .... News That Value...

Follow UpNational

साद का फसाद गिरफ्तारी कब ?

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात मरकज मामले में जमात प्रमुख मौलाना साद और जमात प्रबंधन के लोगों के खिलाफ शिकंजा कस दिया है। क्राइम ब्रांच ने अब मौलाना और जमात प्रबंधन के खिलाफ आईपीसी की धारा 308 भी जोड़ दी है। वहीं विदेशी जमातियों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया है, इससे पहले तब्लीगी जमात प्रबंधन के खिलाफ महामारी की धारा समेत आईपीसी की कई धाराओं में मामला दर्ज किया था। प्रबंधन पर आपराधिक षड्यंत्र का मामला पहले से ही दर्ज है।

निजामुद्दीन स्थित मरकज में आयोजित धार्मिक आयोजन जिसमे शामिल लोगों ने पूरे देश के समक्ष एक संकट पैदा कर दिया है। निजामुद्दीन स्थित मरकज में हुए धार्मिक आयोजन के बाद तब्लीगी जमात के लोगों का देश के कई राज्यों में जाना और इनमें से अधिकांश लोगों का कोरोना पॉजिटिव होना देश में संकट की स्थिति उत्पन्न कर दिया है।

29 मार्च की रात मरकज की बिल्डिंग को काफी मशक्कत के बाद खाली कराया गया। मरकज प्रमुख मौलाना साहब के खिलाफ मामला दर्ज किया गया, किन्तु तत्समय उसकी गिरफ्तारी नहीं की गई। मौलाना साहब शासन से लुका-छिपी का खेल खेलते हुए स्वयं को क्वारन्टाइन बताते हुए ऑडियो-वीडियो के माध्यम से अपना संदेश भेजता रहा है। हालात यह है कि; आज देश भर में लगभग 17 हजार कोरोना के मामले हो चुके हैं, लगभग 500 लोगों अपनी जान गंवा चुके हैं और हमारा पुलिस प्रशासन धारा पर धारा दर्ज कर आपराधिक धारावाहिक चला रहे हैं किंतु उन उपरोक्त धाराओं के तहत मामला दर्ज होने के बाद धारा 308 आपराधिक मानव वध का मामला दर्ज किए जाने के बाद भी उसे अपने गिरफ्त में लेने में अब तक नाकाम है…!

केंद्र व दिल्ली सरकार के कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों ने मरकज को खाली करवा दिया किन्तु जमात के लोगों को इकट्ठा करने व सरकारी पाबन्दियों व चेतावनी के बाद भी उक्त आयोजन के प्रमुख मौलाना पर अब तक शिकंजा कसने के बावजूद गिरफ्त में लेने पर नाकाम है। जमात के लोग तो देश के विभिन्न राज्यों व शहरों में पहुँचकर कोरोना पॉजिटिव हो गए, किंतु दिल्ली में बैठे मौलाना साहब को गिरफ्त में लेने पर अब तक पुलिस नेगेटिव रही जोकि समझ से परे है! लॉक डाउन के लगभग 25 दिन होने के बाद भी जब कोरोना महामारी जमातियों के असहयोग के चलते विकराल स्थिति में है, उसके बाद भी उसके मुख्य सूत्रधार को अब तक गिरफ्त से बाहर रखना सोंचने को विवश करता है !

देश ही नहीं विदेशों से भी आए लोगों का जमावड़ा राजधानी में चलता रहा; कानून व्यवस्था का पालन करवाने वालों से देशी विदेशी युक्त इतना बड़ा धार्मिक आयोजन होना उन पर प्रश्रचिन्ह लगाता है। हद तो तब पार होती है जब देश की लाखों निर्दोष जनता लॉक डाउन के उल्लंघन पर लाठियां खा रही है, मुर्गा बनाया जा रहा है और समाज का दुश्मन बताकर तख्ती लगायी जा रही है ! भय भूख से पलायन करने वाले मजदूर परिवारों पर कानून और नियम के पाबन्दियों में जकड़ा जा रहा है, किंतु इस समस्या को बढ़ावा देने वाले और इस कगार पर लाने वाले साद पर अब तक शिकंजा पूरी तरह न जकड़ पाना व्यवस्था का दोहरेपन उजागर करता है, जबकि अब तक साद का फसाद अपने अंतिम चरणों मे होना था।

आखिर कब तक दिल्ली के कानूनी रक्षक साद का फसाद बनाए रखेंगे ? साद की गिरफ्तारी न कर उसे मीडिया में प्रचारित करना भी समझ से परे है; जबकि अब तक साद का फसाद का अंत उसकी गिरफ्तारी व कानूनी कार्यवाहियों से होना निश्चित था।

https://chat.whatsapp.com/LlQ2AGOSfSQI90mtErEfLQ

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page