कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने RSS पर प्रतिबंध की मांग की
सरदार पटेल की विरासत का अपमान बताया, कहा - गांधीजी की हत्या के बाद पटेल ने RSS पर लगाया था प्रतिबंध, अब मोदी सरकार ने दी इसकी छूट...

नई दिल्ली hct : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर दोबारा प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए क्योंकि देश में कानून-व्यवस्था की अधिकांश समस्याओं की जड़ भाजपा और RSS की विचारधारा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर यह आरोप भी लगाया कि उन्होंने सरकारी कर्मचारियों को RSS से जुड़ने की अनुमति देकर सरदार वल्लभभाई पटेल की विरासत का अपमान किया है।
मोदी के बयान पर पलटवार
प्रधानमंत्री मोदी ने सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा था कि पार्टी ने देश की एकता के लिए पटेल के विज़न का पालन नहीं किया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए खड़गे ने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या के बाद स्वयं सरदार पटेल ने RSS पर प्रतिबंध लगाया था, जिससे स्पष्ट होता है कि पटेल RSS की विचारधारा से सहमत नहीं थे।
सरकार; पटेल का अपमान कर रही है
दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान, जब पत्रकारों ने सरकारी कर्मचारियों को RSS से जुड़ने की अनुमति देने के निर्णय पर सवाल किया, तो खड़गे ने कहा – “प्रधानमंत्री मोदी, वल्लभभाई पटेल जी का अपमान कर रहे हैं। पटेल जी ने RSS पर प्रतिबंध लगाने के स्पष्ट कारण बताए थे और इसमें कोई भ्रम नहीं था।”
जब उनसे पूछा गया कि क्या वे RSS पर प्रतिबंध लगाने का समर्थन करते हैं, तो खड़गे ने बिना झिझक कहा – “यह मेरी व्यक्तिगत राय है और मैं इसे खुलकर कहता हूं – हां, प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। क्योंकि देश में अधिकांश समस्याएं और कानून-व्यवस्था की अव्यवस्थाएं भाजपा और RSS की वजह से उत्पन्न हो रही हैं।”
जो एकता तोड़े, उसे सबक सिखाना होगा
राज्यसभा में विपक्ष के नेता खड़गे ने कहा कि सरदार पटेल ने देश में एकता और शांति कायम करने के लिए संघर्ष किया था। “पटेल ने महात्मा गांधी की हत्या के बाद RSS पर प्रतिबंध लगाया था,” खड़गे ने तीखे स्वर में कहा – “जो भी व्यक्ति या संगठन उस राष्ट्रीय एकता को तोड़ने की कोशिश करता है, उसे सबक सिखाया जाना चाहिए — और सब जानते हैं कि वे कौन लोग हैं”
इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है
खड़गे ने आरोप लगाया कि महात्मा गांधी, नाथूराम गोडसे, RSS और 2002 के गुजरात दंगों से जुड़ी सामग्री को एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों से हटा दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी “सत्य को तोड़-मरोड़कर” प्रस्तुत कर रहे हैं ताकि नई पीढ़ी को भ्रमित किया जा सके।
BJP की प्रतिक्रिया
भारतीय जनता पार्टी ने खड़गे के इस बयान को “आपत्तिजनक” बताया और कहा कि वे “पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI), मुस्लिम लीग और जमीयत उलेमा-ए-हिंद की भाषा बोल रहे हैं।”
भाजपा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को इस तरह के बयान देने से पहले RSS और देश के इतिहास का अध्ययन करना चाहिए।




