गैस त्रासदी का अभिशाप दे गया गुरु पूर्णिमा।

भोपाल गैस त्रासदी (यूनियन कार्बाइड) की भयावहता झलकने लगी थी…

COVID -19 की त्रासदी झेल रहे देशवासियों के लिए गुरु पूर्णिमा अशुभ साबित हुआ। आम जनजीवन में वैश्विक महामारी कोरोना से जूझते देशवासियों को गैस त्रासदी जैसी विपदा का भी सामना करना पड़ा। विशाखापट्टनम के आरआर वेंकटपुरम में स्थित एक कंपनी से खतरनाक जहरीली गैस का रिसाव होने की खबर से वहां की लोगों को राहत भी नहीं मिल पाई थी कि छत्तीसगढ़ में रायगढ़ के एक पेपर मिल में गैस लीक की दूसरी खबर की घटना ने करीब 36 साल पहले हुई ऐसी ही एक दुर्घटना की यादें ताजा कर दीं। विश्व की सबसे भीषण औद्योगिक दुर्घटनाओं में शामिल यह हादसा साल 1984 में 2 दिसंबर की रात को हुआ था। विशाखापत्तनम की ही तरह भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से जहरीली गैस का रिसाव हुआ था जिसका असर आज भी वहां के लोगों पर स्पष्ट देखा जा सकता है। हालांकि, यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में हुआ हादसा विशाखापत्तनम में हुए हादसे से कहीं ज्यादा डराने वाली और घातक थी।

राजधानी (hct)। विशाखापट्टनम के एक फार्मा कंपनी से खतरनाक जहरीली गैस का रिसाव होने का मामला अख़बार की सुर्खिया भी नहीं बन पाई थी कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के रायगढ़ में गैस का रिसाव होने की खबर जंगल में आग की तरह सोशल मीडिया में फ़ैल गई।

ख़बरों के मुताबिक आंध्रा प्रदेश की राजधानी विशाखपत्तनम के आरआर वेंकटपुरम में स्थित “विशाखा एलजी पॉलिमर कंपनी” में स्टाइरीन (Styrene) गैस रिसाव से हुए हादसे में एक बच्चे की इंसानी मौत सहित दर्जनों मौत होने की जानकारी मीडिया सूत्रों से प्राप्त हुई है।

हादसे के बाद 1000 के लगभग लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। संयंत्र से तीन किलोमीटर के दायरे में जहरीली गैस के फैल जाने से ‘आर आर वेंकटपुरम, पदमापुरम, बी सी कॉलोनी और कमपारापलेम’ सहित पांच गांव प्रभावित हुए हैं। फिलहाल गैस से प्रभावित गांवों को खाली करा लिया गया है। इस जहरीली गैस के संपर्क में आने से कई गाय, कुत्ते और अन्य जानवारों की भी मौत हो गई हैं।

मुख्यमंत्रियों ने किया दायित्वों का निर्वाह :

मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी खुद विशाखापट्टनम पहुंचकर किंग जॉर्ज अस्पताल में भर्ती लोगों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मुआवजे का ऐलान किया। हादसे के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा, इसके साथ ही पीड़ितों को 10-10 लाख रुपये और डिस्चार्ज किए जा चुके लोगों को एक-एक लाख रुपये की सहायता राशि मिलेगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के रायगढ़ के तेतला गांव स्थित एक निजी पेपर मिल में जहरीली गैस के रिसाव से मजदूरों के बीमार होने की घटना पर चिंता प्रकट करते हुए कहा है कि लाॅकडाउन के बाद फिर से शुरू किए जा रहे कारखानों में सुरक्षा संबंधी सभी एहतियाती उपायों का गंभीरतापूर्वक पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने गैस रिसाव से प्रभावित सभी मजदूरों को बेहतर से बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए है।

विशाखापत्तनम की उपरोक्त खबर मीडिया के लिए लिखी जा रही थी कि छत्तीसगढ़ में भी रायगढ़ जिलान्तर्गत पुसौर के तेतला गांव में स्थित शक्ति पेपर मिल में जहरीली गैस का रिसाव होने की वजह से वहां काम कर रहे सात मजदूर इसकी जद में आ गए। इन मजदूरों को तत्काल वहां से बाहर निकाला गया और अस्पताल पहुंचाया गया। गैस की चपेट में आए सातों मजदूरों को उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल, रायपुर रिफर किया गया है, इनमें से तीन लोगों की हालत यहां गंभीर बताई जा रही है। मिल के संचालक का नाम दीपक गुप्ता बताया गया है। इंडस्ट्रियल सेफ्टी की टीम ने प्रारंभिक के बाद जानकारी दी कि यहां क्लाेरीन गैस के लीक होने की बात सामने आ रही है। पेपर मिल में क्लोरीन गैस का उपयोग इंक की सफाई के लिए किया जाता है। आपको बता दें कि अमलई पेपर मिल में भी कुछ वर्ष पूर्व इसी तरह की घटना घटी थी।

रायगढ़ पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पुसौर के तेतला गांव में स्थित शक्ति पेपर मिल में मजदूर एक गैस टैंक की सफाई कर रहे थे, इसी दौरान वहां जहरीली गैस लीक होने लगी। टैंक के बाहर मौजूद लोगों ने वहां से भागकर अपनी जान बचा ली, लेकिन जो लोग टैंक के अंदर थे वे वहां फंसे रह गए और बेहोश हो गए।

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