फसल का भुगतान नहीं हुआ, किसानों ने घेरा कलेक्टर कार्यालय।
गरियाबंद। कृषि उपज मंडी क्षेत्र राजिम के किसानों ने अपना कृषि उपज धान कृषि उपज मंडी प्रांगण राजिम में जून, जुलाई व अगस्त माह में राईस मिलर चंद्रेश एग्रो इंडस्ट्रीज बारोंडा राजिम के पास खुली बोली के माध्यम से विक्रय किया था। किन्तु सैकड़ों किसानों को दिया गया करीब 45 लाख रुपए का चेक बाउंस हो गया। इस संबंध में किसानों ने 11 सितम्बर 2019 को एस डी एम राजिम के माध्यम से जिला कलेक्टर गरियाबंद को एक सप्ताह के भीतर भुगतान प्रदान कराने पत्र प्रेषित किया था फिर भी भुगतान नहीं किया गया। भुगतान नहीं होने पर किसानों ने 19 सितम्बर2019 को राजिम मंडी बंद कर धरना प्रदर्शन भी किया था। इस दौरान तहसीलदार राजिम, नायब तहसीलदार राजिम, मंडी सचिव, चंद्रेश एग्रो इंडस्ट्रीज के प्रतिनिधि सखरिया किसानों एवं किसान प्रतिनिधियों के मध्य समझौता हुआ था कि 35 दिनों के भीतर किसानों को भुगतान कर दिया जायेगा।
समझौते में यह भी कहा गया था कि मंडी बोर्ड एवं खाद्य विभाग से पहल कर मंडी निधि या बैंक गारंटी से किसानों को भुगतान का प्रयास किया जाएगा। 35 दिन की अवधि समाप्त होने के बाद भी आज दिनांक तक किसानों को भुगतान प्राप्त नहीं होने से नाराज किसानों ने जिला कलेक्टर गरियाबंद का घेराव किया और कलेक्टर के नहीं रहने पर अपर कलेक्टर के.के. बेहार को ज्ञापन देकर शीघ्र ही मंडी निधि से भुगतान करने की मांग की है।
निकट ही दीवाली का त्योहार है और अन्नदाता किसान अपनी उपज बेचने के बाद भी चार महीने से पाई-पाई के लिए मोहताज हो रहे हैं। शीघ्र भुगतान नहीं होने की दशा में किसान मुख्यमंत्री निवास तक पदयात्रा कर अपनी समस्याओं से अवगत कराएंगे।
कलेक्ट्रेट घेराव में अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के राज्य सचिव तेजराम विद्रोही, उत्तम कुमार, सोमनाथ साहू, दिनेश कुमार, गोपाल मंडल, चुम्मन लाल, फलेन्द्र यादव, लक्ष्मीनाथ, बसंत साहू, संतुराम, नारायण साहू, जयंत, ठाकुरराम, लालचंद, जहुर राम, तरुण वर्मा, तुकाराम, खेमलाल, महेतरु ध्रुव, कुबेर, हेमंत, केशाराम साहू, उमेद निषाद, तुलसी राम, घनश्याम, कोमलराम, सुंदरलाल सहित सैकड़ों की संख्या में किसान उपस्थित रहे।