इसका मतलब हम क्या समझे सर जी, क्या हम दिव्यांग लोगों की कोई इज्जत नहीं है ?

बस परिचालकों ने फिर किया दिव्यांग यात्री से दुर्व्यवहार

पूर्व में एक बार की गई है कार्रवाई”

किरीट ठक्कर
रियाबंद (hct)। दिव्यांग कोमल वर्मा से बस परिचालकों ने एक बार फिर दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया है इससे पहले भी मार्च माह में बस चालक परिचालक कोमल वर्मा से लगातार दुर्व्यवहार कर रहे थे, जिसकी लिखित शिकायत किये जाने पर जिला परिवहन अधिकारी द्वारा चालानी कार्यवाही की गई थी, साथ ही समस्त बस संचालको को हिदायत दी गई थी कि भविष्य में इस प्रकार की शिकायत प्राप्त होने पर परमिट निलंबन / निरस्तीकरण की कार्यवाही की जा सकेगी। कोमल वर्मा दिव्यांग है और जिला मुख्यालय के एक कार्यालय में दैनिक वेतन भोगी है, प्रतिदिन उन्हें अपने गृह ग्राम से से गरियाबंद आना पड़ता है। जिला परिवहन कार्यालय द्वारा उन्हें फ्री यात्री पास जारी किया गया है।
बुधवार को कोमल वर्मा ने फिर से बस परिचालकों द्वारा दुर्व्यवहार किये जाने की शिकायत की है। कोमल के अनुसार बस परिचालक उन्हें सवारी नही बोझ कहते हैं, और बार-बार आरक्षित सीट से उठा देते हैं। कई बार बस स्टॉप पर जब वे अकेले खड़े होते है अन्य कोई यात्री नही रहता तब बस आगे बढ़ा दी जाती है।
कोमल वर्मा ने “हाईवे क्राइम टाइम” को बताया- “माँ परमेश्वरी बस वाले बोलता है कि आप यहाँ बैठो; आप वहाँ बैठो; उसके बाद यदि कोई सवारी आ जाता है, तो फिर मुझे बोलता है कि आप पीछे जाकर बैठो, फिर मैं भी बोलता हूँ कि मैं भी सवारी हूँ क्या ? फिर बस वाले बोलता है कि आप सवारी नहीं हो सिर्फ एक बोझ हो जो आ जाते हो हमारे बस में और एक रुपये भी देते नहीं हो। बसों पर हम लोगों के लिए आरक्षण सीट रहता है, पर बैठाते नहीं। ऐसा मेरे साथ बहुत बार हो चुका है पर मैं चुपचाप रहता था। मैं जब बस को रोकने के लिए हाथ मारता हूँ तो आसपास किसी अन्य कोई सवारी नहीं होने की वजह से ये बस वाले अनदेखा कर देते हैं और आगे निकल जाते है। परंतु आज तो हद ही हो गया जी हमारे साथ
बताते-बताते अत्यंत भावुक होकर फिर हमसे पूछ बैठता है, इसका मतलब हम क्या समझे सर जी, क्या हम दिव्यांग लोगों का कोई इज्जत नहीं है ?

 

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