यहाँ रुके है पंजाब के तीन कामगार।
अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा ने दिया आश्रय
गरियाबंद। देश भर में 14 अप्रैल तक किये गये लॉक डाउन की वजह से जो जहाँ है फिलहाल वही ठहर गया है। ऐसी परिस्थितियों में सबसे ज्यादा परेशानी दूसरे राज्यों से आये मजदूरों, कामगारों को रही है। ये भी निश्चित है की अपना राज्य छोड़कर दीगर प्रान्तों में गये मजदूरों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा होगा। कुछ ऐसी ही दिक्कतों का सामना पंजाब प्रान्त से आये इन तीन बंदों को करना पड़ रहा है। ये तीन बंदे सुखचैन सिंह 68 वर्ष, गुरमैल सिंह 66 वर्ष और सुरिंदर सिंह 36 वर्ष है जो 22 मार्च को धान की कटाई के लिए हार्वेस्टर लेकर जिले के फिंगेश्वर ब्लॉक में आये हुये थे।
22 मार्च को जनता कर्फ्यू और फिर 14 अप्रैल तक लॉक डाउन की वजह से इन्हें यही रुकना पड़ा है। इनकी मेडिकल जांच की जा चुकी है। ग्राम सिर्रीकला में इनके रुकने, खाने पीने की व्यवस्था अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सदस्यों रेखुराम साहू ,सोमन यादव, नंदू ध्रुव ,बजरंग मानिकपुरी, होरीलाल साहू आदि ने की है।
किसान सभा के राज्य सचिव तेजराम विद्रोही ने बताया कि ये सभी अपना हार्वेस्टर लेकर मध्यप्रदेश जाना चाहते हैं, उनकी वापसी के लिए जिले के अधिकारियों से मार्गदर्शन लिया जा रहा है। जिले की हेल्प लाइन नम्बरो में संपर्क करने के अलावा पंजाब में संगठन से जुड़े साथियो से भी संपर्क किया गया है।
तहसीलदार साहब के मार्फ़त मुझे इस बाबत जानकारी है, इन्हें आइसोलेशन (विशेष निगरानी) में रखा गया है। किसी भी तरह की जरूरत पड़ने पर प्रशासनिक मदद की जाएगी। कृषि मशीनरी को लेकर ये जाना चाहे तो जा सकते हैं, किन्तु दीगर जिले या प्रदेश के रास्ते में इन्हें परेशानी हो सकती है ।
जीडी वाहिले, अनुविभागीय अधिकारी (रा) राजिम