रायपुर। भाजपा द्वारा आज रात शेष 11 सीटों के लिए प्रत्याशियों के नामों की घोषणा हो जाने के साथ ही 89 सीटों की तस्वीर साफ हो गई। रायपुर उत्तर विधानसभा सीट के लिए वर्तमान विधायक श्रीचंद सुंदरानी, संजय श्रीवास्तव एवं सुनील सोनी इन तीनों के नाम पर अब तक सहमति नहीं हो पाई है। कयास लगाया जा रहा है कि कांग्रेस द्वारा रायपुर उत्तर के लिए अपने प्रत्याशी का नाम सामने ला देने के बाद ही भाजपा कोई फैसला ले।
कांग्रेस प्रत्याशियों की एक और लिस्ट जो आज रात आने वाली थी अचानक रोक दी गई। महासमुन्द एवं वैशाली नगर सीट को लेकर बेहद सस्पेंस था। कानाफूसी थी कि भाजपा ‘महासमुन्द से डॉ. विमल चोपड़ा एवं वैशाली नगर से सरोज पांडे को टिकट दे सकती है।’ डॉ. विमल चोपड़ा; महासमुन्द से निर्दलीय विधायक हैं। पूर्व में वे भाजपा में ही थे। जैसा कि पूर्व विधायक पूनम चंद्राकर समेत अन्य कुर्मी नेता डॉ. चोपड़ा के नाम पर लगातार गहरा विरोध दर्ज कराते चल रहे थे उससे पार्टी को पिछड़ा वर्ग के वोटों का ख्याल रखते हुए दूरगामी निर्णय लेना पड़ा। महासमुन्द की टिकट पूनम चंद्राकर के नाम हुई। वैसे भी पाटन से पूर्व विधायक विजय बघेल की टिकट कटने और वहां से मोतीलाल साहू को टिकट देने के बाद विरोध के स्वर जोरों से जो उठे वह प्रत्याशी चयन करने वालों के दिमाग में अब भी कहीं ना कहीं गूंज रहे हैं। वहीं वैशाली नगर सीट के लिए भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री सरोज पांडे का नाम लंबे समय तक प्रत्याशी चयन करने वाले नेताओं के दिमाग में था, लेकिन अंतिम निर्णय वर्तमान विधायक विद्यारतन भसीन के नाम पर हुआ।
भसीन को लेकर यह चर्चा गरमाई रही थी कि सर्वे रिपोर्ट में उनका नाम कमजोर पाया गया है। सरोज को प्रदेश के चुनावी मैदान में क्यों नहीं लाया गया और भसीन पर ही क्यों दांव खेल दिया गया ये एक ऐसी कठिन पहेली है; जिसे अन्य लोग तो दूर भाजपा के ही कई लोग बूझने में लगे हुए हैं। कोटा से पिछले चुनाव में कांग्रेस की श्रीमती रेणु जोगी से 5089 जैसे कम मतों से हारने वाले काशी साहू पर भाजपा ने इस बार भी दांव खेला है।
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Dinesh Soni
जून 2006 में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा मेरे आवेदन के आधार पर समाचार पत्र “हाइवे क्राइम टाईम” के नाम से साप्ताहिक समाचार पत्र का शीर्षक आबंटित हुआ जिसे कालेज के सहपाठी एवं मुँहबोले छोटे भाई; अधिवक्ता (सह पत्रकार) भरत सोनी के सानिध्य में अपनी कलम में धार लाने की प्रयास में सफलता की ओर प्रयासरत रहा।
अनेक कठिनाइयों के दौर से गुजरते हुए; सन 2012 में “राष्ट्रीय पत्रकार मोर्चा” और सन 2015 में “स्व. किशोरी मोहन त्रिपाठी स्मृति (रायगढ़) की ओर से सक्रिय पत्रकारिता के लिए सम्मानित किए जाने के बाद, सन 2016 में “लोक स्वातंत्र्य संगठन (पीयूसीएल) की तरफ से निर्भीक पत्रकारिता के सम्मान से नवाजा जाना मेरे लिए अत्यंत सौभाग्यजनक रहा।