ईंट भट्टा में सर्पदंश से मजदूर की मौत… जागो मोहन प्यारे जागो।
बालोद (hct)। पिछले दिनों विश्व समुदाय मजदूरों के कार्य कौशल पर नतमस्तक होते “मजदूर दिवस” मनाया। आज उन्ही मजदूरों की दशा इस वक्त कैसी है यह किसी से छिपी हुई नहीं है।
आज देश के हर कोने से मजदूरों के आह की आवाज आ रही है और सत्ता पर बैठे लोग सिर्फ नजारा देखने में मशरूफ हैं। पिछले दिनों हाईवे क्राइम टाईम ने ईट भट्ठा में काम करने वाले मजदूरों की मजबूरीयो के बारे में खबर चलाई थी, जिसके बाद भी जिला प्रशासन कान में तेल डालकर शायद सोई रही; जिसके चलते बालोद जिला के मेहनतकश मजदूर जो अपनी कार्य कौशल से दूसरों के लिये मकान, आफिस में लगने वाला ईंट बनाता था जिसे गंधारी बने जिला प्रशासन के रूसवाई चलते सर्पदंश के कारण मौत के मुंह में जाना पड़ा।
बालोद जिला अंतर्गत डौंडी लोहरा क्षेत्र में कौशल पांडे द्वारा ध्रुव राम पटेल के जमीन पर अवैध रूप से चला रहे लाल ईंट निर्माण; भट्ठा में मजदूरी करने गए मुड़खुसरा के अशोक राणा, उम्र लगभग 25 वर्ष की सर्पदंश से मौत हो गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह घटना रात करीब 12 बजे की है। मजदूरी करने के बाद खाना खाकर थका हारा मजदूर सोने चला गया, थकान की वजह से जल्दी नींद आ गई होगी। मगर उसे क्या मालूम कि नींद इतनी लम्बी होगी कि सुबह का सूरज भी वह नहीं देख पाएगा। घटना ऐसी घटी कि सुरक्षा के अभाव में एक जहरीले सांप ने उसे डस लिया।
प्रायः होते यह आया है कि, काम के लिहाज से मजदूरी के वास्ते दूर-दराज से ठेकेदारों / दलालों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र से दिहाड़ी मजदूर तो ले जाते हैं, पर मजदूरों की सुरक्षा का ध्यान कतई नहीं रखा जाता है। इन अवैध कारोबारियों का काम तो बस पैसा कमाना है। अब इतनी बड़ी दुर्घटना का वास्तविक में जिम्मेदार कौन होगा। यह सोचने का विषय है। शिकायत होने के बाद भी न तो प्रशासन इन अवैध कारोबारियों पर लगाम लगाता है और ना ही खनिज विभाग ग्राम पंचायत की तो बात ही छोड़ दीजिए। सिक्कों की खनक ने आज एक मजदूर की जान ले लिया। क्या इस मजदूर का ठेकादार ने पीएफ करवाया था ? क्या इनका कोई बीमा था ? ठेकादार की ओर से ऐसे कई अनगिनत सवाल उठते हैं। जिला प्रशासन कब अपनी कुम्भकर्णी निंद्रा से जागेगा कोई नहीं जानता और जागेगा तभी न जब सोया हो वह तो जानबूझकर नींद में रहने का नाटक जो करता है…
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