सख्ती और चेतावनी मजाक नही
बालोद। जिला प्रशासन; लाक डाऊन और धारा 144 लागू कर लोगों को घर में रहने के लिए मिन्नते ऊपर मिन्नते करने में लगी है। जिला के कलेक्टर से लेकर एसपी तक मैदान पर उतर कर लोगों से अपने घरों में रहने के लिए अपील कर रहे हैं। पुलिस के अधिकारी गाने से लेकर शायरी तक लोगों को सुनाकर जागरूक करने का प्रयास कर लिया लेकिन लोग हैं जो घरों में रहने से बाज नहीं आ रहे हैं।
पुलिस के बड़े अधिकारी डी आर पोर्ते, दिनेश कुमार सिन्हा लगातार मैदान पर डटकर लोगों के सेवा के साथ लोगों को समझाइश भी दे रहे हैं। जिला के ग्रामीण अंचलों के लोग सोसल डिस्टेंशन और लाक डाऊन का पालन उचित ढंग से नहीं कर पा रहे हैं। लोग ग्रामीण क्षेत्रों में भीड़ जमाकर जुट जा रहे हैं। जिला के कुछ गांवों में बकायदा बैरियर लगाकर जमघट में इकठ्ठा बैठकर आने-जाने वाले लोगों का नाम व पता पुछ कर नोटकर रहे हैं जबकि ईकठ्ठे बैठकर वो लोग खुद कानून तोड़ रहे हैं।
पुलिस के पेट्रोलिंग रोज चल रही है, लेकिन ना जाने इस तरह से बैठने वालों को छुट किसने दे रखी है ? और तो और ग्रामीण अंचलों में सिलेंडर की रिफ्लिंग के दौरान से लेकर दुकानों में भी भिड़ जमा रहता है, तो कई गांव के लोग ताश खेलकर मनोरंजन भीड़ के रुप में कर रहे हैं,जो पुलिस के पेट्रोलिंग गाड़ी को देखकर कर रफुचक्कर हो जा रहे हैं। आने वाले दिनों में जिला प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण भरा हो सकता है क्योंकि महामारी जिस तरह से देश से लेकर छत्तीसगढ़ राज्य में अपना पैर पसार रहा है लाक डाऊन के दौरान प्रदेश के सभी चौकी के साथ सभी थाने के जवान लगातार पुलिस के वाहन से पेट्रोलिंग कर रहे हैं लेकिन लोगो का इस प्रकार से लाक डाऊन का पालन नहीं करना या लोगों को पालन नहीं करा पाना उस वक्त परेशानी भरा हो सकता है जिस वक्त यह बीमारी ग्रामीण अंचलों में दस्तक देगा वंही ग्रामीण क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों का रवैया भी कुछ कम नहीं है संकट के इस समय में लोगों को अपने घरों में रहते हुए लाक डाऊन के नियमों का पालन करना चाहिए और लोगों से कराये जाना सुनिश्चित करना चाहिए।
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