नियम तो बनाये ही जाते हैं तोड़ने के लिए…
बालोद। जिला मुख्यालय बालोद; आजकल कोरोना वायरस के मुकाबले के लिए मैदान में कम और लापरवाही वाला मैदान में कुछ ज्यादा नजर आ रहा है !जिला के गुण्डरदेही जनपद में आइसोलेशन में रखे व्यक्ति खुले आम लोगों से मिला वही गुरूर जनपद में तो लाकडाउन के बाद एक कहानी बन गई है, जिसके जलने की धुंआ पुरे गुरूर में फैली हुई है।
दरअसल गुरूर की एक महिला, महाराष्ट से कुछ दिन पहले ही वापस आई थी; तब तक राज्य सरकार और जिला प्रशासन द्वारा दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को मेडिकल चेकअप के साथ 14 दिन तक आइसोलेशन में रहने के साथ प्रसाशन को इस बाबत जानकारी मुहिया कराना सुनिश्चित किया गया था, जो वर्तमान में भी लागू हैं। महिला वहा से आने के बाद खुले में लोगों से मिलती रही, यहा तक उनके परिवार के आठ सदस्यों को भी आइसोलेशन में रखकर निगरानी की पोस्टर भी लगा दिया गया, लेकिन घर में स्थित मेडिकल स्टोर खुले रहे। जिला प्रशासन की ओर से जिन मेडिकल स्टोर खुले रहने वाली सूची प्रसाशन के द्वारा जारी किया गया तो उस सूची में महेश्वरी मेडिकल स्टोर, गुरूर का नाम दर्ज है।
गौरतलब हो कि ये दोनों मेडिकल स्टोर टुवानी परिवार का ही है। आइसोलेशन में रहने के बाद मेडिकल स्टोर खुले रहे, लोग दवाईयां खरीदते रहे। 29 मार्च यानी दो दिन पहले जिला कलेक्टर के आदेश के बाद मेडिकल स्टोर को बंद किया गया है। इस बारे में गुरुर जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी जी आर रावटे से हमने जानकारी चाही तो उन्होने 14 मार्च 2020 को परिवार के आठ सदस्यो को सेल्फ आइसोलेशन में रहने का सुझाव देते हुये घर में ही रहने को कहा, साथ ही इसकी जानकारी पुलिस थाना गुरूर और तहसीलदार गुरूर, हितेश्वरी बाघे को अवगत कराते हुये जानकारी दिया।
होम और सेल्फ आइसोलेशन से टुवानी परिवार ज्यादा दिन रह सके परिवार के सदस्यो का सार्वजनिक स्थानो में आना-जाना लगा रहा। कुछ लोगो ने इस पर सोशल मिडीया में सवाल उठाते हुये कई तरह के पोस्ट किये, जिसके बाद प्रशासन ने आइसोलेशन की फिर से कार्यवाही करते हुए मेडिकल स्टोर को सील कर बंद कराया गया है। साथ ही पूरे परिवार को 28 मार्च से 11 अप्रैल तक के लिए सेल्फ आइसोलेशन का कड़ाई से पालन करने का आदेश दिया है। वहीं पुराने आदेश का पालन नहीं करने पर उनके ऊपर गुरूर पुलिस के द्वारा कार्यवाही भी की गई है, लेकिन मेडिकल स्टोर खुले रहने के दौरान उनके मेडिकल से मेडिसिन लेने या उनके परिवार से जो मिले है उनके जेहन में एक अनजाना अनसुना डर बैठ गया है। कही इस परिवार के लोगों को यदि इस वायरस का एक पर्सेंट हिस्सा भी रहा होगा, तब क्या होगा ? सोशल मिडिया में तरह-तरह के पोस्ट जिला प्रशासन के लिए लोग कर रहे हैं। हमारे सुत्रो के हवाले से मिली खबर के अनुसार, गुरुर के बड़े मेडिकल स्टोर में टुवानी मेडिकल शुमार है। रोज इनके मेडिकल स्टोर में लगभग 200से 250 व्यक्ति मेडिसिन खरीदने आते हैं। आइसोलेशन के दौरान स्टोर खुला रहा जितने दिन भी खुला रहा है; रोज के हिसाब से कितने लोगों का आना-जाना हुआ होगा ये आप भली-भांति समझ सकते हैं।
गुरुर के इस आइसोलेशन गेम को देखकर आसपास के गांव वालों ने अपने-अपने गांवों के मुख्य द्वार को बंद कर दिया है जिसके कारण जरुरत के सामानों का गांव कस्बा तक पहुंचना दूभर हो गया है; जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों के दुकान मंहगे दामों में सामान बेंच रहे हैं। अधिकांश गांव सील होने के वजह से अधिकारी पहुंच नहीं पा रहे हैं और जो पहुंच रहे हैं, वो उचित ढंग से लोगों से मिल नहीं पा रहा है क्योंकि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव सबकी जरूरत है।