132/33 के.व्ही उपकेन्द्र इंदागांव का कार्य प्रारंभ।
बहुप्रतिक्षित मांग पुरी होगी।
उपकेन्द्र के बन जाने से क्षेत्र में होगी पर्याप्त बिजली की सप्लाई।
गरियाबंद । गरियाबंद जिला मुख्यालय के दूरस्थ अंचल देवभोग व अमलीपदर क्षेत्र के लोगों को शीघ्र गुणवत्तापूर्ण पर्याप्त बिजली मिलेगी। इस क्षेत्र में लो-वोल्टेज के कारण अक्सर बिजली सप्लाई प्रभावित रहती थी।
क्षेत्रवासियों की इस समस्या के निदान के लिए शासन द्वारा ग्राम इंदागांव में 132/33 के.व्ही उपकेन्द्र बनाने का निर्णय लेकर सम्पूर्ण कार्य की लागत राशि लगभग 65 करोड़ स्वीकृत की गई थी। कतिपय व्यवधानों के कारण निर्माण कार्य प्रारंभ कराने में विद्युत विभाग को दिक्कते आ रही थी। प्रशासन की पहल से इंदागांव में 132/33 के.व्ही उपकेन्द्र का निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है।
छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड गरियाबंद संभाग के कार्यपालन यंत्री (संचा./संधा.) बी.पी. जायसवाल ने बताया कि गरियाबंद जिले के देवभोग, अमलीपदर क्षेत्र में अक्सर लो-वोल्टेज व बिजली बंद होने की समस्या रहती थी। क्षेत्र में लो-वोल्टेज का कारण लाईन के अंतिम छोर में लोड होना व लगभग 140 किलोमीटर लम्बी 33 के.व्ही लाईन गरियाबंद से देवभोग की होना है।
विद्युत लाईन सघन वन क्षेत्र से गुजरने के कारण आंधी तुफान में लाईन पर पेड़ आदि गिरने से बिजली सप्लाई बंद हो जाती थी। इन समस्याओं से निजात पाने तथा क्षेत्र को गुणवत्तापूर्ण बिजली प्रदाय करने हेतु इंदागांव में 132/33 के.व्ही उपकेन्द्र बनाने का निर्णय शासन द्वारा लिया गया।
नगरी से खींची जाएगी टावर लाइन
इस सबस्टेशन हेतु धमतरी जिला के नगरी से 67.674 किलोमीटर टावर लाईन खींची जायेगी। सबस्टेशन निर्माण के सम्पूर्ण कार्य की लागत राशि लगभग 65 करोड़ रूपये है। जायसवाल ने बताया कि कार्य का साइड हस्तांतरण कांट्रेक्टर को 26 फरवरी 2020 को किया गया है। इसके साथ ही कांट्रेक्टर द्वारा सबस्टेशन निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। यह कार्य लगभग 15 माह में पूर्ण होना संभावित है। इंदागांव में विद्युत सबस्टेशन निर्माण कार्य की पूर्णता पश्चात देवभोग, अमलीपदर क्षेत्र में लोगों को गुणवत्तापूर्ण बिजली मिलेगी। इससे इस क्षेत्र में उद्योग धंधे स्थापित होंगे, सिंचाई पंपों को पर्याप्त बिजली मिलने से कृषि उत्पादन में वृद्धि के साथ ही क्षेत्र विकास की मुख्य धारा में जुड़ जायेगा।