• About WordPress
    • WordPress.org
    • Documentation
    • Support
    • Feedback
  • Log In
Skip to content
Friday, August 19
  • Home
  • Editorial
  • International
  • National
  • Chhattisgarh
  • Crime
  • Politics
  • communique
  • Harassment
  • About us / Contact us
  • Privacy Policy
  • Activity
  • Members
  • Checkout
  • Order Confirmation
  • Order Failed

आपराधिक घटनाओं एवं समसामयिक विषयों पर आधारित समाचार पत्र/पोर्टल

आपराधिक घटनाओं एवं समसामयिक विषयों पर आधारित समाचार पत्र/पोर्टल

  • Home
  • Editorial
  • International
  • National
  • Chhattisgarh
  • Crime
  • Politics
  • communique
  • Harassment
  • About us / Contact us
  • Privacy Policy
  • Activity
  • Members
  • Checkout
  • Order Confirmation
  • Order Failed
  • Home
  • Editorial
  • International
  • National
  • Chhattisgarh
  • Crime
  • Politics
  • communique
  • Harassment
  • About us / Contact us
  • Privacy Policy
  • Activity
  • Members
  • Checkout
  • Order Confirmation
  • Order Failed
Trending Now
  • अमानत में खयानत , 02 राईस मिलों के विरूद्ध छापामार कार्यवाही
  • Hit & Run : मंत्री जयसिंह अग्रवाल की गाड़ी ने दो युवकों को रौंदा एक की मौके पर मौत।
  • Encounter : एसिड अटैक गैंग के दो आरोपी मुठभेड़ में पकडे गए।
  • पत्रकारों के स्वास्थ्य बीमा के लिए जल्द होगी पहल : बघेल।
  • 24 घंटे की मूसलाधार बारिश : बडे बांधों से छोड़ा जा रहा है पानी
  • देख रहा है ना बिनोद, सब कुछ साफ़ है फिर भी जांच-जांच का खेल कर लीपा -पोती की तैयारी है।
Home>>communique>>इसलिए भारत को “भारतमाता” कहते हैं।
communique

इसलिए भारत को “भारतमाता” कहते हैं।

Dinesh Soni
March 4, 20200
भा=भास्कर(सूर्य) +रत+वर्ष= #भारतवर्ष

सूर्य में पृथ्वी का रत होना यानि सूर्य का चक्कर 365 दिन 6 घंटे में जो पूरा वर्ष होता है, पूरा वर्ष 4–4 महीने की तीन फसली= 12 महीना यानि खरीब, रबी और जायद फसलें।

भारतवर्ष पूरा देश कृषि किसानी और खेत खलिहान की मूल संस्कृति को स्पष्ट करता है। कृषि किसानी संस्कृति का सीधा संबंध ज़मीन( धरती), पृथ्वी और पूरा पारिस्थितिकी तन्त्र से जुड़ा होता है। और हमारी तीन माँ होती है एक जन्म देने वाली, एक मातृभाषा और एक अन्न देने वाली जन्मभूमि जिसमें हम खेलते कूदते और बड़े होते हैं, जीवन की तहज़ीब सीखते हैं, इसलिए भारत को भारतमाता कहते हैं।

पोंगाओं ने हर चीज़ में व्यक्तिवाद घुसेड़कर पूरा दर्शन गोबर कर दिया। जो लोग कभी हल नही चलाये बस मुँह बाँचते रहे वे देश के दर्शनशास्त्री और मूलसंस्कृति के लंबरदार कैसे हो गए ?

दुनिया का कोई भी देश व्यक्ति विशेष के नाम पर नही पड़ा। इस महाभूखण्ड का प्राचीन नाम जम्बुद्वीप, सिरडीसिंगार और गोंडवाना महाभूखण्ड रहा है। और ऐसे भी राजा भरत ने कौनसा कल्याणकारी कार्य किया और तीर मारा जिनके नाम पर इस देश का नाम रख दिया गया। उनका तो शास्त्र उल्लेख के अलावा कोई पुरातात्विक महत्व का साक्ष्य भी नही मिलता, सम्राट अशोक जैसे राजाओं का उससे ज्यादा साक्ष्य उपलब्ध है।

पोंगाओं और संघियों की माने तो देश का नाम तो राम होना चाहिए था क्योंकि भरत से ज्यादा राम को फेमस किया गया, अफ़सोस उनका भी कोई ऐतिहासिक और पुरातात्विक साक्ष्य नही। न ही उनका कोई प्राचीन अवशेष मिला है, बस कूदे पड़े हैं।

संतोष कुमार कुंजाम, कोयहुंकार
Related tags : Hemant bastriyaSantosh kumar kunjamVersha kunjam

Previous Post

जिस पत्रकार / कार्यकर्ता के खिलाफ झूठी एफ आई आर होगी, संघ उसका सम्मान करेगा : अनिल अग्रवाल।

Next Post

थाने में खड़ी गाड़ी से पिकनिक मनाना पुलिस वालों को पड़ गया भारी।

Related Articles

communiqueEditorial

समस्यायें बनी रहे युग-युग जिए हमारे नेता, अधिकारी और पत्रकार।

communiqueCrimeNational

देश की जेलों में सजा काट रहे हैं एक लाख से ज्यादा बलात्कारी

communiqueFollow Up

अब तो बदनामी का शोहरत से वो रिश्ता है, कि लोग नंगे हो जाते हैं अखबारो में रहने के लिए।

communique

भूपेश बघेल जी, काश कि “बस्तर बैंड” के सदस्यों के साथ भी सेल्फी लेकर उनका सम्मान बढ़ा देते…

communique

प्रतिरोध की इबारत की नयी लिपि और उसके उजले हरूफ

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Donate button (Touch & Pay)

Demo title

Demo description

c tc t
crime timecrime time

Ad space

Demo title

Demo description

crime timecrime time
c tc t

समाचार/पोर्टल "हाइवे क्राइम टाईम" का सञ्चालन राजधानी रायपुर से किया जा रहा है। इस टीम को जांबाज एवं खोजी पत्रकारों का सहयोग एवं मार्गदर्शन प्राप्त है। "हाईवे क्राइम टाईम" का मुख्य उद्देश्य है कि जनता के बीच ऐसे समाचार पहुँचाया जाय जो समाज एवं राजनीति मे बैठे भ्रष्ट नेता, अफसर, नौकरशाहों का असली चेहरा आम जनता के सामने उजागर करें। हालांकि समाचार पत्रों का अपना एक अलग महत्व है, पत्रकारिता में इसकी एक अलग जगह है। ऐसे समाचार संस्थानों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, उन कठिनाइयों से हमे भी दो-चार होना पड़ता है। दरअसल हमारी सोंच है कि जीवन संघर्ष का नाम है, अतः इससे पलायन सम्भव नहीं। हमारी यह भी कोशिश है कि पत्रकारिता के मिटते मूल्यों के उत्थान के लिए संघर्षरत रहें। अभिव्यक्ति के खतरे उठाते हुए भी मिशन का दामन न छोड़ें। अपने इस प्रयास को सफलतापूर्वक बढ़ाने में हमे आवश्यकता है आपके सहयोग की… कृपया सम्पर्क करें : 8718947100

Donate Button
© 2022 | WordPress Theme Ultra News
  • About us / Contact us
  • Activity
  • Checkout
  • Home
  • Members
  • Order Confirmation
  • Order Failed
  • Privacy Policy
  • Sample Page