अन्याय और अपराध से लड़ती कलयुग की गीता…
एक ग्रन्थ है “श्रीमद भगवत गीता” इसी गीता से छत्तीसगढ़ पुलिस ने अपना ध्येय वाक्य चुनकर रखा है “परित्रणाय साधुनाम”
बालोद! गीता से उद्धृत उपरोक्त शब्द पुलिस की शब्दकोष में कहाँ तक सटीक बैठती है यह तो उसके विभागीय अधिकारी ही उचित बता सकते है; लेकिन 6 मई को सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता ने यह कहकर सिद्ध कर दिया कि देश का न्याय तंत्र (कानून) अमीरों और ताकतवरों की मुठ्ठी में कैद है।खैर, कौन-कहाँ और किसकी मुठ्ठी में कैद है यह तो जग जाहिर है; लेकिन बालोद जिला के ग्राम निपानी निवासी गीता; जो 28 अप्रैल को हुई बालोद पुलिस के द्वारा निपानी खार में चल रही जुआ पर रेड पड़ने के बाद से जुआ खेलाने वाले बाहुबलियों के निशाने का शिकार हो गई है। इन बाहुबलियों का हौसला इतना बुंलद है कि घर में घुसकर एक महिला के साथ न सिर्फ हाथापाई किया बल्कि देख लेने और जान मारने की धमकी तक दे डाली!
बालोद पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार जिले में अपराध पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस दिन-रात प्रयास कर रही है, और गीता जैसी नारी शक्तियों का पुलिस प्रशासन का सहयोग करना निश्चित तौर पर सराहनीय कदम है। गीता जैसी महिलाये गीता के उपदेश को सार्थक बनाने का प्रयास कर रही है और हमारे पुलिस को उनके द्वारा धारण की हुई “परित्रणाय साधुनाम” को सफल बना रही है। वैसे बालोद जिला को नई सरकार बनने के बाद से अपराध से जुड़े लोगों का नया बाजार माना जा रहा है; जो चिंता का विषय है। जिला में लाकडाऊन के दौरान जुआ खेलने और खेलाने वालों में सफेदपोश नेताओं और रसुकदार वीआईपी लोगों का नाम भी सुनाई देता है जो हर तरीका से निडर और निर्भिक हो कर कानून को अपनी मुठ्ठी में रखने का दम भरता है,साथ ही धनबल के अंहकार से चुराचुर अपनी ताकत से सब कुछ तहस नहस करने की बातें भी करते हैं।
बहरहाल कानून और न्याय व्यवस्था के लिए सबुत और गवाह महत्वपुर्ण है लेकिन इसके लिए सत्यता के साथ सही मायने जांच जरूरी है और जांच के लिए लोगों का सहयोग जरूरी है। गीता और उनके जैसी आम महिला जो समाज को अपराध से मुक्ति दिलाने के लिए आगे आती है, उन्हे इस तरह के अन्याय से बचाये जाना आवश्यक है ताकि उनकी मनोबल में कमी ना आये और समाज अपराध अन्याय से भयमुक्त रह सके और हर नारी में अपराधियों को उनकी सही जगह पहुंचाने में हमारे पुलिस प्रशासन की मदद कर सके।
गीता साहू और उनके पति गणेश साहू ने बालोद पुलिस के समक्ष आरोपी अजय बंजारे पिता बसंत बंजारे, अनिल बंजारे पिता बसंत बंजारे, राजू कुर्रे पिता छन्नूकुर्रे,रेशमा बंजारे पति बंसत बंजारे राधा कुर्रे खिलाफ 29 अप्रैल को शिकायत किया है, आरोपियों के मारपीट की घटना को अंजाम देने के बाद से पीड़ित परिवार भयभीत हैं।
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