Big Breaking : गरियाबंद उपजेल में धारा 151 के कैदी की मौत !
पत्नी की शिकायत पर दो दिन पहले ही किया गया था जेल दाखिल
गरियाबंद। जिला गरियाबंद में एक कैदी मजरकट्टा निवासी दसरू उर्फ़ दशरथ साहू की संदिग्ध परिस्थितियों में रात के करीब 2 : 40 बजे के बीच मौत हो गई। जानकारी मिली है की मृतक नशे का आदी था और पीने के बाद घर में बहस झगड़ा किया करता था, जिससे तंग आकर उसकी पत्नी ने थाने में शिकायत की थी उसको शिकायत पर “शराब पीकर पत्नी से मारपीट करने के आरोप में” गरियाबंद पुलिस ने धारा 151 के तहत कार्यवाही करते हुए एसडीएम जे आर चौरसिया के समक्ष पेश किया था, जहां से उसे 29 अप्रेल को उपजेल गरियाबंद दाखिल किया था।
खबर की जानकारी मिलने पर उक्ताशय की पुष्टि हेतु गरियाबंद उप जेल में पदस्थ जेलर ठाकुर से उनके मोबाईल से जानकारी ली गई। उन्होंने बताया कि बीती रात लगभग 2 : 40 बजे के दरमियान अचानक उसकी तबियत बिगड़ने के बाद उसे जिला अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल में रखा है।
अब सवाल यह उठता है कि, कोरोना काल के चलते देश भर की जेलों में निरुद्ध कैदियों की रिहाई के लिए माननीय उच्चतम न्यायालय में दायर एक याचिका में पारित आदेश के तहत जेलों में निरुद्ध ऐसे विचाराधीन बंदी, जिन्हे अपराध के लिए सात वर्ष या सात वर्ष से कम की सजा से दोष सिद्ध किया जा सकता है उन्हें उक्त आदेश के तहत छोड़ा जाना है। इन्हें पैरोल पर या अंतरिम जमानत पर छोड़ा जाएगा / गया है।
उक्त आदेश के परिपालन में छत्तीसगढ़ राज्य में भी माननीय उच्च न्यायलय के द्वारा केंद्रीय जेलों में निरुद्ध कैदियों की रिहाई का आदेश किया गया है, जिसमे केंद्रीय जेल रायपुर द्वारा जारी सूची के अनुसार ऐसे विचाराधीन बंदी जिन्हें सात वर्ष या सात वर्ष से कम की सजा से दोष सिद्ध होने पर दण्डित किया जा सकता है; उन्हें रिहा किए जाने का आदेश दिया गया है। जबकि धारा 151 प्रतिबंधात्मक धारा है, और वैश्विक महामारी तथा माननीय उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देश को देखते हुए उसे जमानत या मुचलके पर रिहा किया जा सकता था।