तबादला आदेश की अनदेखी; कहीं “झोलझाल का पोल” तो नहीं कप्तान साहब…?
*दीपेंद्र शर्मा।
कोरिया (hct)। पुलिस का कार्य अनुशासन बनाना, संविधान का पालन करवाना किन्तु रक्षक ही भक्षक बन जाये तो क्या कहियेगा साहब कुछ इसी तरह के आरोप जिले के पुलिस कर्मियों व अधिकारियों पर लगते रहते है। जिसके बाद भी जिले के आलाकमान द्वारा कोई ठोस कार्यवाही करते हुए नजर नही आते है; बल्कि कई तरह के आरोप लगे हुए हैं। एसआई जिनका तबादला होने के महीनों गुजर जाने के बाद भी संभाग के पुलिस अधिकारी समेत जिले के पुलिस कप्तान द्वारा रिलीफ नही देने से कई तरह की चर्चा चौक-चौराहों में आम सी हो गई है।
गौरतलब है कि 10 अक्टूबर 2019 को प्रदेश के डीजीपी डीएम अवस्थी ने तबादला आदेश जारी कर लंबे समय से एक स्थान पर जमे हुए सब इंस्पेक्टरों का तबादला आदेश जारी किया गया था। सूरजपुर जिले से 10 एसआई का तबादला हुआ था, जिनमें से 7 एसआई रिलीफ होकर नए स्थान पर चले गए तो वही राजनीतिक व कोल माफियाओं, रसूखदार लोगो से जुड़े रहने वाले एसआई विनीत पांडे को करंजी पुलिस चौकी, अजहरउद्दीन को खड़गांवा चौकी, वहीं विवादों में रहने वाले वर्दी का धौस दिखाकर गुंडों के माफिक कार्य करने वाले कपिल देव पांडे को विश्रामपुर थाना प्रभारी बनाया गया है। ऐसे में इन 3 पुलिस एसआई का तबादला होने के बाद भी इन्हें पुलिस थाना, चौकी की जिम्मेदारी दी जाने से कई तरह के लेन-देन होने की चर्चा बाजार में चल रही है। जो दिखता है कि सूरजपुर के पुलिस कप्तान साहब को डीजीपी के आदेश की कोई परवाह नही है। तभी तो महीनों गुजर जाने के बाद भी सूरजपुर जिले को छोड़ने के लिए रिलीफ देना का नाम नही ले रहें है।
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