कूड़ा करकट का अम्बार और कोरोना (covid19) के नियंत्रण से जुझते हाउसिंग बोर्ड के वासी !

मुकेश श्रीवास्तव

कांकेर (hct) उत्तर बस्तर के जिला मुख्यालय और कांकेर नगर के अंतिम छोर में हाउसिंग बोर्ड के द्वारा निर्मित दड़बेनुमा मकान में निवासरत लोगों की सुधि लेने वाला कोई नहीं ! पूरे विश्व सहित एक ज्ञात और रहस्मयी वायरस कोरोना से जहाँ देश दुनिया डरी-सहमी और उसके बचाव व नियंत्रण की दृष्टि से लगभग सभी देशों के साथ भारत में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर एक तरफ जहाँ लॉक डाउन की स्थिति में है वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ प्रदेश के उत्तर बस्तर में नगर के अंतिम छोर हाउसिंग बोर्ड में निर्मित कॉलोनी में कुछ परिवार ऐसे है जो रोज कोरोना से भी गंभीर और खतरनाक समस्या से सामना कर रहे हैं।

ज्ञात हो कि पूरे कांकेर सहित खासकर इमलीपारा इलाके से निकलने वाला कचरा हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी में लाकर डंप किया जा रहा है हालाँकि अभी का सीजन गर्मी का होने से उतना ज्यादा तो फर्क नहीं पड़ रहा है लेकिन बरसात के दिनों में गंदगी और बदबू से इस कॉलोनी के निवासियों का जीना मुहाल हो जाता है। जिला प्रशासन की उदासीनता और हाउसिंग बोर्ड के कर्ताधर्ता और जिम्मेदार अधिकारी, महाभारत के पात्र गांधारी की तरह अपने आँखों में पट्टी बांधकर बरसों से किसी महामारी के फैलने का इंतजार कर रहे है ! कांकेर के हमारे जिला प्रतिनिधी नरेंद्र श्रीवास्तव ने हमें जानकारी देते हुए जिला प्रशासन का ध्यान इस तरफ आकृष्ट करने का प्रयास किया है।

हाउसिंग बोर्ड के निवासियों ने एक चर्चा के दौरान हमारे प्रतिनिधी को बताया कि इस कॉलोनी में कोई सफाई कर्मी आता ही नहीं है जिससे उन्हें घरों से निकलने वाले कचरे को फेंकने का कोई स्थान निश्चित नहीं किया गया है अतः लोगो आने जाने के मार्ग और जहां मर्जी वहीं फेंक रहे हैं अतः इस दिशा में कोई सकारात्मक कदम उठाया जाना नितांत आवश्यक है।

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