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खरसिया किडनी कांड के पीड़ितों का साथ देगा अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन रायगढ़ : प्रदीप श्रृंगी

प्रशासनिक जांच और राजनीतिक असक्रियता से दुखी परिजन

नीतिन सिन्हा
रायगढ़। जिले के खरसियां तहसील में विगत दिनों गरीब महिला की किडनी चोरी की लोमहर्षक घटना घटी थी। जिसे लेकर तत्समय पुरजोर विरोध भी किया गया। इस घृणित घटना को कारित करने वाले डॉक्टरों और अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध पीड़ित परिजनों ने पुलिस को आवेदन भी दिया था। मीडिया के माध्यम से इस घटना के सामने आते ही प्रशासन भी सक्रिय हो गया, आनन-फानन में कलेक्टर रायगढ़ के दिशा-निर्देश में प्रशासनिक जांच टीम का गठन हुआ।
पीड़ित महिला और उसके परिजनों का बयान दर्ज करवाया गया। इस बीच रायगढ़ कलेक्टर अवकाश में चले गए। बहरहाल शुरुवाती सक्रियता के बाद जिले में दोनो प्रमुख पार्टियों के नेता और जन-प्रतिनिधियों ने आश्चर्य जनक ढंग से चुप्पी साध ली। वही थोड़ी चहल-पहल के बाद अस्पताल प्रबंधन और किडनी कांड के रसूखदार संदिग्धों ने जिले की मीडिया को भी मैनेज कर लिया।
इधर न्याय की लड़ाई लड़ने वाला पीड़िता का परिवार कुछ ही दिनों में बिलकुल अकेला हो गया। इसी बीच अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध आगे की लड़ाई लड़ने के लिहाज से पीड़ित परिजनों को खरसिया में उनके सहयोगियों ने रायगढ़ जिले में आम आदमी से जुड़े मुद्दों पर मुखरता से लड़ने वाले अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन का नाम सुझाया।

पीड़ित 15 जून 2019 को संगठन के कार्यालय, जेल परिसर मिनी माता चौक पहुंचे। जहां संगठन के जिलाध्यक्ष प्रदीप श्रृंगी लीगल एडवाइजर युवा अधिवक्ता सुनील शर्मा से उनकी मुलाकात हुई।

प्रारम्भिक चर्चा के दौरान पीड़ितों की स्थिति जानने के बाद संगठन के पदाधिकारियों ने पीड़िता के पुत्र ऐश्वर्य पटेल व साथियों को संगठन के माध्यम से हर सम्भव सहायता देने को आस्वस्त किया।

प्रेस से चर्चा करते हुए जिलाध्यक्ष प्रदीप श्रृंगी ने पूरी घटना और डॉक्टरों के कृत्य को निंदनीय बताया। उन्होंने यह भी कहा कि संगठन पीड़ितों के साथ न्याय मिलने तक खड़ा है। जबकि संगठन के लीगल एडवाइजर अधिवक्ता सुनील शर्मा ने कहा कि पीड़ित चाहे तो वो उनका प्रकरण न्ययालय में निःशुल्क लड़ने को तैयार है।

मामला मानव अंग तस्करी से जुड़ा हुआ बेहद संवेदनशील है। दोषियों को किसी भी कीमत में माफ किया जाना उचित नही होगा। यदि पीडितो को इस स्थिति में न्याय नही मिला तो आम आदमी का न्याय व्यवस्था से भरोसा ही उठ जाएगा, जबकि मानव अंग तस्करी से जुड़े डॉक्टरों और दूसरे लोगो की हिम्मत बढ़ेगी। जिसके कारण मानव अंग तस्करी की घटनाएं न केवल बढ़ेगी बल्कि असुरक्षित तरीको से खरसिया के वनांचल केयर अस्पताल जैसे औसत सुविधाओं वाले नर्सिग होम से पीड़ित महिला की किडनी निकाले जाने से उसे भविष्य में होने वाली जानलेवा समस्याएं भी बढ़ेगी।

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