गरियाबंद। ‘देर आयद दुरुस्त आयद’ की तर्ज पर नगर पालिका परिषद सैंकडों लोगों को भवन अनुज्ञा जारी करने के बाद अब वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए थोडी बहुत सख्ती दिखा रही है, करीब सौ से अधिक लोगो को रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने नोटिस जारी किया गया है।
भविष्य में पता चल सकेगा की ये नोटिस महज औपचारिक है या इन पर कोई कार्यवाही भी होगी, अन्यथा जैसा की लगभग सरकारी कामों में परिणाम होता है, “नौ दिन चले अढाई कोस” वैसा ही हुआ तो ये सब सरकारी समय और धन की बरबादी जैसा ही होगा।
जानकारी के अनुसार नगरीय निकाय क्षेत्र अंतर्गत 150 वर्ग मीटर से अधिक आकार के भूखन्डों, भवनों में रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य है। भवन निर्माण की अनुमति देते वक्त उल्लेखित शर्तों में हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की शर्त भी अनिवार्य होती है; किंतु पिछले चार पांच वर्षों से नगर में बडे बडे भवनों का निर्माण तो दिखता है लेकिन हार्वेस्टिंग सिस्टम कही नजर नही आता।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्रीमति राजेश्वरी पटेल का कहना है की अनुज्ञा जारी करते वक्त हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए राशि भी जमा करायी जाती है, हमने नोटिस भेज कर 15 दिनों का समय दिया है; इसके बाद उक्त राशि से ही निर्माणकर्ता के निवास में सिस्टम लगाया जायेगा साथ यदि खर्च अधिक हुआ तो उस राशि की वसूली की जायेगी।
पुराने भवन ढह रहे है।
नगर क्षेत्र में हो रहे नव निर्माण के साथ-साथ यदि पालिका प्रशासन पुराने जर्जर भवनों को चिन्हांकित कर समय रहते गिरा देने पर ध्यान दे तो आगामी बरसात के दिनों में गंभीर हादसों से बचा जा सकेगा। मंगलवार दोपहर बाद हुयी हल्की बारिश के बाद बस स्टेंड में एक पुराना जर्जर मकान ढह गया, गनीमत ये हुई कि एक हिस्सा ही गिरा पूरा मकान नही, अन्यथा एक बडी दुर्घटना से इंकार नही किया जा सकता था। इस जर्जर भवन में एक मेडिकल स्टोर सहित अन्य दुकाने संचालित हो रही थी।