साजा में ‘रिश्तेदारी राहत योजना’ लागू…!
विधायक ईश्वर साहू के PSO ने मुख्यमंत्री सहायता को बना डाला ‘घर की खेती’, रिश्तेदारों में बांटे हजारों

भाई का.. चाचा का.. मामा का.. सबका पैसा ले रहा ईश्वर साहू!
चिलम तम्बाकू का डब्बा खोजने में व्यस्त विधायक ईश्वर साहू और उनके सुरक्षा में तैनात पीएसओ ओम साहू का यह कारनामा देखिए शासन के स्वेच्छा अनुदान राशि को अपने ही परिवार में बांटकर खा गए..
यह राशि मुख्यमंत्री के द्वारा जरूरतमंदों को आबंटित की जाती है जोकि खुद “नारियल कलेक्शन” में व्यस्त हैं।
साजा की जनता देखें और जाने की उन्होंने किसे चुना है?
रायपुर hct : साजा से विधायक ईश्वर साहू और उनके PSO ओम साहू ने शायद “जनसेवा” को “परिवार सेवा” में तब्दील कर दिया है। मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान, जो जरूरतमंदों, रोगियों, और संकटग्रस्त नागरिकों के लिए होती है — वह यहां सीधे-सीधे चाचा, मामा, भांजे, ससुराल और “पुलिस मित्र” तक पहुंचाई जा रही है।
सूची देखिए, आंखें चौंधिया जाएगी :–
और तो और पुलिस मित्र भी ! जी हां, उसे भी ₹ 20,000/–
कुल मिलाकर :– जरूरत मंदों को मिलने वाली लाखों की राशि गांव-घर और नाते-रिश्तेदारों में बांट दी गई – जैसे कोई विवाह समारोह में नेग बांट रहा हो!
PSO का नया मतलब: “परिवार समर्पित अधिकारी“
ओम साहू, जो विधायक के PSO (Private Security Officer) हैं, उन्होंने सुरक्षा का काम छोड़कर स्वेच्छा अनुदान का काम पकड़ लिया। “खास लोग” तय किए, रिश्तेदारी पर मुहर लगाई और सारा ‘दान’ घर के अंदर भेज दिया।
सवाल ये नहीं है कि किसे दिया गया… सवाल ये है कि किसे नहीं दिया गया?
विधायक साहब की भूमिका ?
वो शायद चिलम और तंबाकू का डिब्बा खोजने में व्यस्त थे, या फिर “नारियल कलेक्शन” जैसे अहम जिम्मेदारियों में लिप्त। मुख्यमंत्री सहायता राशि की सूची तक उनकी नजर शायद ही पहुंची हो। या शायद पहुंची हो, और उन्होंने आंखें ही फेर ली हों।
अब साजा की जनता को तय करना है कि उन्होंने “जनसेवक” चुना था या “घरसेवक”
मुख्यमंत्री जी को भी सोचने की जरूरत है
क्या जरूरतमंदों की सूची ऐसे तैयार होनी चाहिए? क्या जिले में कोई ऐसा नहीं था जिसे सच में मदद की ज़रूरत थी? या फिर यह सूची केवल ‘घर के भीतर’ ही सीमित रहनी थी?
अब सवाल जनता से:
- क्या PSO को जनकल्याण की सूची तय करने का अधिकार है?
- क्या विधायक साहू को ‘मौनव्रत’ तोड़ना चाहिए?
- क्या मुख्यमंत्री कार्यालय ऐसे PSO और जनप्रतिनिधि पर कार्रवाई करेगा?
- या फिर अगली सूची में आप भी किसी के ‘भांजा’ बनकर मदद पा सकते हैं?
