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Chhattisgarh

पॉलिटिकल बिग बॉस : ईडी से लड़ने निकली कांग्रेस, रायपुर में खुद से भिड़ गई!

भूपेश बघेल की पोस्ट का दिखा असर - ईडी से भिड़ने उतरे, लेकिन एक-दूसरे से उलझ पड़े "माइक छीनकर, नारेबाज़ी की खुद को ही निशाना बनाया !"

छत्तीसगढ़ प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बधेल ने x.com पर एक पोस्ट साझा करते है जिस पर उन्होंने लिखा है “अब तुम्हारे हवाले ये लड़ाई साथियों” अब कांग्रेसियों ने इसे क्या समझा और किस स्तर पर लिया ? उसका असर राजधानी रायपुर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के खिलाफ आयोजित प्रदर्शन में देखने को मिला ! हुआ कुछ ऐसा कि ईडी के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन देखते ही देखते; कांग्रेस के ही खिलाफ प्रदर्शन में बदल गया। यह प्रदर्शन एक गंभीर मुद्दे को लेकर सरकार के समक्ष शक्ति प्रदर्शन जैसा था; मगर उक्त प्रदर्शन में नेताओं ने एक-दूसरे पर उंगली उठाई, माइक छीना, और पार्टी के अंदर… 

राजधानी hct : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मंगलवार को एक ऐसा तमाशा देखने को मिला, जिसने राजनीतिक नाटक की परिभाषा ही बदल दी। कांग्रेस का प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के खिलाफ आयोजित प्रदर्शन, जो initially एक गंभीर मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने के लिए था, देखते ही देखते पार्टी के अंदरूनी कलह का मंच बन गया। यहाँ तक कि अगर आपने मिस कर दिया, तो कोई बात नहीं, क्योंकि रीप्ले हर चैनल पर चल रहा है।

राजनीतिक तमाशाई इस मद्दे को प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार मुकेश एस सिंह ने x.com (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किया है…

प्रदर्शन का मकसद भूलकर आपस में उलझे ! 

कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता एक-दूसरे पर ऐसे उंगली उठा रहे थे, मानो वे किसी राजनीतिक डिबेट शो में न होकर, एक रियलिटी शो ‘बिग बॉस : कांग्रेस एडिशन’ में हिस्सा ले रहे हों। विडियो में कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला और जिला कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश दुबे के बीच कहा-सुनी हो गई। विडियो में “तुम्हें शर्म आनी चाहिए,” कहते हुए सुना गया, जबकि जवाब में तीखी टिप्पणी के साथ माइक छीनने का नाटक भी हुआ। जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। 

यह सब सार्वजनिक रूप से, पूरे ठाठ से, और बिना किसी शर्म के हुआ। लेकिन असली हाईलाइट तब आया, जब एक पार्टी कार्यकर्ता ने अपनी ही प्रेस मीट के दौरान “अनिला भेड़िया मुर्दाबाद” का नारा लगाया।जी हाँ, आपने सही पढ़ा। अपनी ही प्रेस मीट में, अपनी ही पार्टी के नेता के खिलाफ नारा। और सबसे मज़ेदार बात? वह मुस्कुराई। मानो कह रही हों, “स्व-गोल अब हमारी कोर रणनीति का हिस्सा है।” अगर यह सब आपको हँसाता है, तो आप अकेले नहीं हैं। विपक्षी पार्टियां तो बस पॉपकॉर्न लेकर बैठी हैं, क्योंकि कांग्रेस खुद को 4K रेजोल्यूशन में ढहाती हुई दिख रही है।

यह घटना न केवल कांग्रेस की एकजुटता पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि पार्टी के अंदरूनी समीकरण कितने जटिल हो गए हैं। ईडी के खिलाफ प्रदर्शन का मकसद भूलकर, नेता और कार्यकर्ता आपस में ही उलझ गए। यहाँ तक कि अगर आप सोच रहे हैं कि यह सब प्लान्ड था, तो शायद नहीं। क्योंकि अगर यह प्लान्ड होता, तो कम से कम माइक छीनने का सीन तो रिहर्सल किया जाता !

प्रदर्शन का उद्देश्य गंभीर मगर, परिणाम एक सर्कस जैसा

रायपुर की इस घटना ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ा है, जहां कांग्रेस अब खुद अपनी सबसे बड़ी विरोधी बन गई है। विपक्ष को अब ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी, क्योंकि कांग्रेस खुद ही अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रही है। और जबकि ईडी के खिलाफ प्रदर्शन का उद्देश्य गंभीर था, परिणाम एक सर्कस जैसा रहा, जहां हर कोई अपने ही साथी को रिंग में धकेल रहा है। तो अगली बार जब आप कांग्रेस की किसी रैली या प्रदर्शन के बारे में सुनें, तो बस याद रखें – यह ईडी के खिलाफ हो सकता है, लेकिन असली लड़ाई तो पार्टी के अंदर ही है। और हाँ, पॉपकॉर्न मत भूलना !

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