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Chhattisgarh

अवैध ईंट भट्ठों पर कार्रवाई न होने से बढ़ा कारोबार, पर्यावरण को खतरा

अवैध ईंट भट्ठों के संचालन से न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है बल्कि राजस्व का भी लाखों में घाटा है।

अर्जुनी (बलोदा बाजार) hct : क्षेत्र में अवैध ईंट भट्ठों का धड़ल्ले से संचालन हो रहा है, जिससे न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है बल्कि राजस्व का भी लाखों रुपये का घाटा हो रहा है। खनिज विभाग की निष्क्रियता के चलते इन अवैध संचालकों के हौसले बुलंद हैं। अर्जुनी-टोनाटार मार्ग और टोनाटार में शासकीय भूमि पर भी ये भट्ठे बेखौफ चल रहे हैं।

नियमों की धज्जियां

कुम्हार जाति को मिली छूट का फायदा उठाकर अब रसूखदार लोग भी इस अवैध कारोबार में शामिल हो गए हैं। अन्य राज्यों से आए लोग कुम्हारों की आड़ में निर्धारित मात्रा से अधिक लाल ईंटों का निर्माण कर मोटी कमाई कर रहे हैं। शासन-प्रशासन के दिशानिर्देशों के बावजूद, ग्रामीण क्षेत्रों में हर साल लाखों की तादाद में अवैध ईंटों का काला कारोबार बेरोकटोक जारी है। अर्जुनी-टोनाटार में चल रहे इन भट्ठों के पास न तो विभागीय अनुमति है और न ही रॉयल्टी जमा की गई है। यहां तक कि ग्राम पंचायत को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई है।

राहगीर परेशान, ईंट के दाम आसमान पर

इन अवैध भट्ठों से उड़ने वाली राख की धूल राहगीरों के लिए मुसीबत बन गई है। गर्मी के दिनों में उड़ती धूल आंखों में जाने से दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है, फिर भी इन संचालकों की मनमानी जारी है।

पीएम आवास योजना के तहत घरों के निर्माण के कारण लाल ईंटों की मांग काफी बढ़ गई है, लेकिन इसके बावजूद ईंटों की कीमतें आसमान छू रही हैं। नए-नए ईंट भट्ठा संचालक आने के बावजूद पीएम आवास के लाभार्थियों को ईंटें खरीदने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। प्रथम किस्त की 40 हजार रुपये की राशि से ईंट तो दूर, अन्य निर्माण सामग्री खरीदना भी मुश्किल हो गया है।

पटवारी की खामोशी, पंचायत की अनभिज्ञता

हल्का पटवारी भुवनेश्वर साहू को इन अवैध भट्ठों की जानकारी होने के बावजूद वे उच्च अधिकारियों को सूचना नहीं दे रहे हैं और न ही कार्रवाई के लिए कोई प्रतिवेदन दे रहे हैं, जिससे सरकार को लाखों के राजस्व का नुकसान हो रहा है।

पंचायत में भी इन अवैध ईंट भट्ठा संचालकों का कोई दस्तावेज नहीं है। विभिन्न राज्यों से आकर किराए पर जमीन लेकर ये लोग कुम्हार जाति की छूट का दुरुपयोग कर लाखों ईंटें बनाकर करोड़ों की संपत्ति बना चुके हैं।

इनका कहना है… 

इस संबंध में हल्का पटवारी भुनेश्वर साहू ने बताया कि वे इस हल्के में 5-6 महीने से ही काम कर रहे हैं और उन्हें इसकी जानकारी नहीं है, वे जाकर देखेंगे।

अर्जुनी सचिव राजेश साहू ने बताया कि कुम्हारों की आड़ में अवैध ईंट भट्ठे चलाए जा रहे हैं और किसी भी संचालक ने पंचायत से अनुमति नहीं ली है। उन्होंने इन पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

रुपेश वर्मा संवाददाता
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