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कवरेज करने वाले पत्रकारों पर हमला के आरोपियों की पुलिस ने निकली रैली…

रायपुर के मेकाहारा अस्पताल में पत्रकारों पर हमला करने वाले बाउंसरों और गुरुर में अवैध रेत खनन की कवरेज कर रहे पत्रकारों पर जानलेवा हमला आरोपियों की गिरफ़्तारी।

कल का दिन छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता के लिए एक महत्वपूर्ण दिन साबित हुआ, जब पत्रकारों पर हुए दो अलग-अलग हमलों में पुलिस ने त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की। एक ओर राजधानी रायपुर के मेकाहारा अस्पताल में पत्रकारों पर हमला करने वाले बाउंसरों पर सख्त कार्रवाई की गई, तो वहीं दूसरी ओर बालोद में अवैध रेत खनन की कवरेज कर रहे पत्रकारों पर जानलेवा हमला करने वाले मुख्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया। 

रायपुर में पत्रकारों पर हमला

रायपुर में मेकाहारा अस्पताल में एक चाकूबाजी की घटना की रिपोर्टिंग करने पहुंचे न्यूज़ चैनल के पत्रकारों के साथ सिक्युरिटी संचालक वसीम और उसके बाउंसरों ने हाथापाई की। विवाद तब और बढ़ गया जब वसीम बाबू पिस्तौल लेकर अस्पताल पहुंचा और पत्रकारों को गोली मारने की धमकी दी। पुलिस की मौजूदगी में उसने महिला सुरक्षाकर्मियों को पत्रकारों की ओर धकेला और कवरेज रोकने का प्रयास किया। इस घटना के विरोध में पत्रकारों ने लगभग तीन घंटे तक प्रदर्शन किया और कोई कार्रवाई न होने पर मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया।

बाउंसरों पर FIR गिरफ्तारी और रोलकाल परेड 

मौदहापारा थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज की और आरोपी बाउंसर एजेंसी के संचालक वसीम बाबू और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया। खबर है कि वसीम के घर से पिस्तौल और गोलियां भी बरामद की गई हैं, जो उसकी दबंगई और आपराधिक प्रवृत्ति को दर्शाती है।

बालोद में रेत माफिया का आतंक 

दूसरी घटना बालोद जिले के ग्राम मरकाटोला में हुई, जहाँ पत्रकार कृष्णा गंजीर और उनके साथी अमित मंडावी अवैध रेत भंडारण की सूचना पर कवरेज करने गए थे। वहाँ उमेश्वर साहू, रविकांत साहू और उनके 7-8 साथियों ने लाठी, डंडे और लोहे के पाइप से उन पर हमला कर दिया। हद तो तब हो गई जब जांच के लिए पहुंचे पटवारी डोमेंद्र मंडावी पर भी रेत चोरों ने हाइवा चढ़ाने की कोशिश की। इस हमले में पत्रकार गंभीर रूप से घायल हो गए।

शुरुआत में पुलिस पर मुख्य आरोपियों, उमेश्वर उर्फ ओमू साहू और रविकांत साहू, को गिरफ्तार करने में हिचकिचाहट दिखाने का आरोप लगा, क्योंकि उन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था। पुलिस की ढिलाई के कारण प्रदेश के पत्रकारों ने अर्धनग्न होकर राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरना देने की चेतावनी दी थी।

मुख्य आरोपी ओमू और रविकांत साहू गिरफ्तार

इसके बाद, दुर्ग रेंज के पुलिस महानिरीक्षक रामगोपाल गर्ग के निर्देश पर, पुलिस अधीक्षक बालोद योगेश पटेल और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मोनिका ठाकुर के मार्गदर्शन में, गुरूर पुलिस अनुविभागीय अधिकारी बोनीफास एक्का के पर्यवेक्षण में, थाना प्रभारी पुरूर सउनि भुजबल साहू के नेतृत्व में सायबर टीम बालोद और थाना पुरूर की संयुक्त टीम ने त्वरित कार्रवाई की।

पुरूर थाना में अपराध क्रमांक 49/2025 के तहत भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं 296, 351(2), 191(2), 191(3), 190 और 109 के अंतर्गत मामला दर्ज था। जिसके तहत दोनों मुख्य आरोपियों को बेमेतरा से गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया।

मेकाहारा अस्पताल में पत्रकारों पर हमला करने वाले बाउंसरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर उनके सिर मुंडवाकर शहर में जुलूस निकाला। यह घटना अस्पताल में चाकूबाजी की रिपोर्टिंग करने गए पत्रकारों के साथ हुई थी। इसी तरह, गुरुर में अवैध रेत खनन की कवरेज कर रहे पत्रकारों पर जानलेवा हमला करने वाले आरोपियों को भी पुलिस ने धर दबोचा।

पुलिस की इस तत्परता को पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इन दोनों ही मामलों में छत्तीसगढ़ पुलिस की सक्रियता और अपराधियों के खिलाफ की गई त्वरित कार्रवाई ने प्रदेश के पत्रकारों में विश्वास बहाल किया है।

अमीत मंडावी संवाददाता
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