युवती का गर्भपात करवाने पर मां, डॉक्टर सहित छह लोगों को जेल
भिंड में एक अदालत ने अवैध गर्भपात कराने के मामले में मां और डॉक्टर सहित छह लोगों को सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी ने आरोपियों को पांच और सात साल की सजा के साथ भारी जुर्माना भी लगाया। 2016 में मिली सूचना के बाद पुलिस ने अवैध गर्भपात के लिए उपयोग किए जा रहे औजार और दवाएं बरामद की थीं।
HIGHLIGHTS
- गर्भपात पर मां और डॉक्टर समेत छह लोगों को सजा
- महिला को सात साल की सजा, 50 हजार का जुर्माना
- लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम का उल्लंघन पाया गया
भिंड। अवैध तरीके से युवती का गर्भपात कराने वाली मां व डाक्टर सहित छह लोगों को कोर्ट ने पांच व सात साल की सजा सुनाई। अपर सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी ने सजा सनाते हुए हजारों रुपये का जुर्माना भी किया है।
अभियोजक उत्तम सिंह राजपूत ने बताया कि सिटी कोतवाली को 30 अगस्त 2016 को सूचना मिली कि वनखंडेश्वर मंदिर के पास मस्जिद वाली गली में कुछ लोग अवैध तरीके से गर्भपात कर रहे हैं। पुलिस को मौके पर एक मकान में प्रथम तल पर कमरे में दो महिलाएं व एक युवती, गर्भपात के औजार, इंजेक्शन एवं दवाएं मिलीं।
नर्स गर्भपात कराने में कर रही थी मदद
पूछताछ में महिला मुन्नी बाई ने बताया कि बेटी का गर्भपात कराने के लिए वहां स्टाफ में पदस्थ महिला नीरज पाल ने 10 हजार रुपये लिए थे। पुलिस ने नीरज पाल व उसके पति राजू पाल को गिरफ्तार किया। नीरज पाल ने बताया कि वह ग्वालियर में डॉ महेंद्र पांडे के रिलायबल अल्ट्रासाउंड सेंटर पर जांच कराकर गर्भपात करते हैं।
5-5 साल की सजा
सिटी कोतवाली में फरियादी डीएसपी आरएस परमार की रिपोर्ट पर मुन्नीबाई पर 50 हजार का जुर्माना कर सात-सात साल की सजा सुनाई है। डॉ. महेंद्र कुमार पांडे, उनके स्टाफ सुरेंद्र सिंह और प्रकाश सिंह को गर्भधारण पूर्व और प्रसूति पूर्व निदान तकनीकी (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम का उल्लंघन करने पर पांच-पांच साल की सजा सुनाते हुए 61-61 हजार रुपये का जुर्माना किया है।