रायपुर। मीडियाकर्मियों पर बढ़ते हमले के परिवेश में छग पीयूसीएल एवं पत्रकार सुरक्षा कानून, संयुक्त संघर्ष समिति ने पहल कर पत्रकारों और मानवाधिकार रक्षकों की सुरक्षा के लिए छत्तीसगढ़ का विशेष सुरक्षा कानून पर एक ड्राफ्ट तैयार किया है जिस पर एक आम सहमति बनाने के लिए अभियान छेड़ा गया। एक नागरिक सम्मेलन के खुले सत्र में इस ड्राफ्ट कानून को पेश कर आम बहस लाई गयी।
“प्रेस, जनता और राज्य”
इस सम्मेलन का मूल विषय था और यह जून २५-२६, २०१८ को बृन्दावन भवन, सिविल लाइन्स, रायपुर, छत्तीसगढ़ में आयोजित किया गया था। इसमें लगभग १५० प्रतिभागियों ने शिरकत की, जिसमें पत्रकारों, वकीलों, पूर्व न्यायधीशों, शिक्षविदों, राजनीतिक और ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओं, सामाजिक और मानव अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस ड्राफ्ट कानून पर अपने विचार और सुझाव दिए।
कांग्रेस पाटी ने अपने चुनावी घोषणा-पत्र में इस मुद्दे को महत्त्व दिया, चूंकि इस बीच, दिसम्बर २०१८ में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव घोषित हो गए। अब जबकि कांग्रेस पाटी बहुमत से सत्ता में आ चुकी है, मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण के तत्काल बाद ही श्री भूपेश बघेल ने मीडिया कर्मियों को आश्वासन दिया कि छत्तीसगढ़ में पत्रकारों की सुरक्षा संबंधी कानून बनाया जायेगा। इसके चलते देश में “पत्रकारों और मानवाधिकार रक्षकों की सुरक्षा के लिए छत्तीसगढ़ का विशेष कानून” लागू किए जाने की सम्भावना बलवत हुई है।
इस पृष्ठभूमि में, “अभिव्यक्ति की आज़ादी का अधिकार” और पत्रकार सुरक्षा कानून, छत्तीसगढ़ पर एक सम्मेलन 17 फरवरी, 2019 को गास मेमोरियल हॉल, रायपुर, छत्तीसगढ़ में आयोजित किया गया है।
आपको इस सम्मेलन में आमंत्रित किया जा रहा है। आप इस आयोजन में अपनी उपस्थिति देकर पत्रकारों की सुरक्षा के लिए लाये जा रहे देशव्यापी अभियान में हिस्सेदारी निभाएं और पीड़ितों के साथ एकजुटता दर्शाकर, एक दूसरे के अधिकारों और हितों के लिए साझा संघर्ष करें।