मनरेगा में महिलाओं को नही दिया जा रहा काम, छः किलोमीटर पैदल चलकर फरियाद लेकर पहुंची महिलाएं..
गरियाबंद। ग्राम पंचायत कोचबाय की लगभग आठ से दस महिलाये आज पैदल छै किलोमीटर चलकर जिला पंचायत कार्यालय पहुंची। महिलाओं ने गांव में चल रहे मनरेगा कार्य में भेदभाव का आरोप लगाया है। शकुंतला झा, गायत्री राजपूत, शारदा मानिकपुरी, रूखमणी के अनुसार गांव के वरिष्ठ मुखिया मनरेगा कार्य में विधवा, परित्यकता महिलाओं या ऐसी महिलाये जिनके पति किसी वजह से उनके साथ काम पर नही आ सकते का ये कहकर विरोध करते हैं की जिनके साथ गोदी कोडने के लिए पुरुष साथी नही है वो यहाँ काम नही कर सकते।
सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक भी इन्ही मुखिया (सियान) ग्रामीणों के कहे अनुसार कृत्य कर रहे हैं, जिससे इन महिलाओं को काम नही मिल रहा, जबकि इनके पास जॉब कार्ड है। भुनेश्वरी व सुनीता ने बताया की लॉक डाउन की वजह से हम सभी अन्यत्र कहीं काम पर भी नहीं जा पा रही है और गांव में मनरेगा अंतर्गत चल रहे काम मे उन्हें काम नही दिया जा रहा, ऐसे में परिवार का भरण पोषण करने में इन्हें परेशानी हो रही है। इस संबंध मनरेगा प्रोग्रामिंग ऑफिसर रीना ध्रुवे ने कल स्वयम कोचबाय जाकर वस्तुस्थिति से अवगत होने की बात कही है।
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