हरे वृक्षों की अवैध कटाई पर बड़ी कार्रवाई: गोविंदा साहू को पुलिस ने भेजा जेल
बागतराई गांव में पंचायत की भूमि पर अवैध रूप से कटे दर्जनों पेड़, ग्रामीणों की शिकायत पर पुलिस ने की सख्त कार्रवाई

गुरुर (बालोद) hct : पर्यावरण संरक्षण को लेकर जहां केंद्र और राज्य सरकारें करोड़ों रुपये खर्च कर वृक्षारोपण को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटाई के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला बालोद जिले के गुरुर विकासखंड के ग्राम पंचायत बागतराई में हरे-भरे पेड़ों की चोरी-छिपे कटाई का मामला सामने आया है, जहां ग्रामीणों की शिकायत पर एक व्यक्ति को जेल भेजा गया है।
जानकारी के अनुसार, ग्राम विकास समिति द्वारा गांव की घास भूमि पर लगे बबूल के पेड़ों की कटाई हेतु ग्रामीणों की उपस्थिति में नीलामी प्रक्रिया की गई थी, जिसमें कुछ स्थानीय लोगों ने वैध रूप से पेड़ों को खरीदकर कटाई का अधिकार प्राप्त किया। लेकिन खरीदारों में से एक गोविंदा साहू पर आरोप है कि उसने निर्धारित सीमा से बाहर जाकर अन्य वृक्षों की भी अवैध रूप से कटाई की और उन लकड़ियों को एक बाहरी व्यक्ति को बेच दिया।
इस मनमानी और अवैध कार्य के खिलाफ ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने राजस्व अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर जांच की मांग की थी। जाँच जारी ही थी कि गोविंदा साहू की ओर से दोबारा अवैध कटाई कर लकड़ी बेचने का प्रयास किया गया, जिससे गांव में आक्रोश फैल गया।
गांव वालों और पंचायत प्रतिनिधियों ने तत्परता दिखाते हुए पुरूर थाना में एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी गोविंदा साहू को गिरफ्तार कर बालोद न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
पर्यावरण के नाम पर घोटाला या लापरवाही?
इस घटना ने न केवल स्थानीय प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है, बल्कि यह सवाल भी खड़े कर रहा है कि आखिर कब तक हरे वृक्षों की यूं ही कटाई होती रहेगी और जिम्मेदार लोग मौन रहेंगे?

