रायपुर। यह बिल्कुल सत्य है हालिया 2018 विधान सभा चुनाव में ऐसे कई दिलचस्प रोचक मामले सामने आए हैं; जिसे सुन कर लोगों में आश्चर्य के साथ-साथ चुनाव में होने वाले ऐसे कृत्य अब कौतूहल का विषय भी बन गए हैं।
एक ओर जहां छग राज्य शासन का निर्वाचन आयोग, बैनर पोस्टर एवं अन्य संसाधनों के माध्यम से आम जनता से मतदान करने की अपील कर करोडो रुपये व्यय कर जन-जागरूकता लाने का प्रयास कर रहा है, वहीं कुछ पार्टी के प्रत्याशी चुनाव नियमों की धज्जियां उड़ाते साड़ी, रुपये एवं अन्य उपहार देकर ऐसे नियम कायदे को बलाए ताक पर रख; चुनाव नियमों को पलीता लगा रहे हैं।
मामला राजधानी के उत्तर विधान सभा का बताया जा रहा है जहां कांग्रेस से कुलदीप जुनेजा के विरुद्ध पूर्व भाजपा विधायक प्रत्याशी श्रीचंद सुंदरानी के मध्य चुनाव लड़ा गया जहां यह बताया जा रहा है कि उक्त क्षेत्र से कांग्रेस के कुलदीप जुनेजा की स्थिति काफी मजबूत है; इससे विचलित हो कर भाजपा प्रत्याशी को विजय दिलाने के उद्देश्य से 20 नवम्बर मतदान के दिन भाजपा के कतिपय कार्यकर्ताओं के द्वारा प्रत्येक मतदाता को पांच-पांच सौ रुपये बांटकर मतदान को प्रभावित करने का प्रयास किया गया।
ऐसा कृत्य मौदहापारा क्षेत्र में किए जाने की बात सामने आई है,
मतदाताओं को प्रभावित करने के पीछे छग राज्य वक्फ बोर्ड के चेयरमैन हाजी सलीम अशरफी का नाम प्रमुखता से सामने आया है,
जिनके मार्ग-दर्शन में ही कतिपय अज्ञात भाजपा के कार्यकर्ता युवकों द्वारा पांच-पांच सौ रुपये मतदाताओं को वितरित कर मतदान न करने के एवज में दिया गया।
बताया तो यह भी जा रहा है कि, जिन मतदाताओं को पांच सौ रुपये दिए गए उनके उंगली में बकायदा नीला टीका भी लगाया गया ताकि चिन्हित होने पर वह अन्यत्र मतदान न कर सके।
उत्तर विधान सभा के जागरूक मतदाताओं ने बताया कि; हजारों की संख्या में मतदाताओं को रुपये वितरण कर मतदान देने से प्रभावित किया गया उल्लेखनीय यह भी है कि जिस प्रकार चुनाव पश्चात मतदान प्रतिशत आंकड़ा का ग्राफ कम हुआ है उससे सम्भवना व्यक्त की जा रही है कि पांच सौ रुपये बांटे जाने से ही उत्तर विधान सभा क्षेत्र का मतदान प्रतिशत कम हुआ है ताकि भाजपा प्रत्याशी श्री चन्द सुंदरानी को इसका पूरा लाभ मिल सके। अब राज्य निर्वाचन आयोग इसको कब कहां तक संज्ञान में लेता है यह देखना होगा।