ईंट भट्ठा संचालक ने दी पत्रकार को जान से मारने की धमकी। मामला दर्ज होने के बावजूद पुलिस सुस्त !
बालोद। मालीघोरि भारत सरकार ने कोरोनावायरस से बचने के लिए संपूर्ण देश में लाक डाउन कर दिया है जिसमें पुलिसकर्मी, डॉक्टर, नर्स सफाई कर्मी, मीडिया कर्मी को अपने कर्तव्यों का निर्वहन व आने-जाने में कुछ रियायत दी है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ माने जाने वाले एक पत्रकार को बिना किसी पारिश्रमिक व सुरक्षा के अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना होता है।
बालोद जिले से 8 किलोमीटर दूर ग्राम दूधली का है; जहां पर एक मीडियाकर्मी अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए 15 अप्रैल को नई दुनिया अखबार में मालीघोरी क्षेत्र में “लाक डाउन का खुला उल्लंघन” के नाम से “अवैध ईंट भट्टे’ के खिलाफ समाचार प्रकाशित किया था; लाक डाउन के दौरान ईट भट्ठा संचालक के द्वारा अपने ईंट भट्ठे में बिना किसी सुरक्षा के मजदूरों से काम करवा रहा था और ईंट का परिवहन करवाया जा रहा था, जिसको एक दैनिक समाचार पत्र ने बड़ी प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
उक्त समाचार से ईंट भट्ठा संचालक तिलमिला गया और फोन के माध्यम से गाली गलोज व जान से मारने की धमकी दिए जाने की पुष्टि हुई है। पंचायत व खनिज विभाग के बिना परमिशन से वर्षों से संचालित हो रहा है अवैध ईंट भट्ठा ताज्जुब की बात यह है कि जिले में बैठे आला अधिकारियों को भी यह भी मालूम नहीं होता कि जिले में कितने अवैध ईंट भट्ठे संचालित है ! वह तो ऑफिस में बैठकर ऐसी की हवा ले रहे होते हैं। ऐसा ही हाल श्रम विभाग का है, उनको भी यह मालूम नहीं है कि कितने बाल मजदूर इस अवैध ईंट भट्ठे में काम कर रहे होते हैं।
22 अप्रैल दिन बुधवार को शाम 5:00 बजे जब मीडिया कर्मी अपने घर के पास बैठकर समाचार बना रहा था तब उसी समय ईंट भट्ठा संचालक मुकेश तिवारी शराब के नशे में धुत होकर मीडिया कर्मी को मां बहन की अश्लील गाली गलौज देते हुए हाथापाई किया व लकड़ी के डंडे से प्रहार किया और भविष्य में ईंट भट्ठे के खिलाफ समाचार बनाने पर जान से मारने की धमकी देकर चला गया।
जिसकी शिकायत अख़बार के ग्रामीण संवाददाता बोधन भट्ट के द्वारा बालोद थाने में रिपोर्ट दर्ज करवा दिया गया है। पर 24 घंटे बीत जाने के बाद भी अब तक उस ईंट भट्ठा संचालक के ऊपर कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई है ! जिससे उनके हौसले बुलंद होते नजर आ रहे हैं।
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