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ChhattisgarhHarassment

पुलिस की दादागिरी चरम पर 112 वाहन के अंदर मारपीट की घटना।

दो पुलिसकर्मियों ने धूमिल की पुलिस की छवि थाने में जबरन बिठाकर पत्रकार से मारपीट करने की घटना
पत्रकार दुर्गेश स्वर्णकार (एनएसयूआई अध्यक्ष) के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा जबरन मारपीट करने और बलात उठा कर ले जाने की घटना
पत्रकार दुर्गेश स्वर्णकार (एनएसयूआई अध्यक्ष)

सारंगढ़। दिनांक 23 फरवरी 2020 को सारंगढ़ जयसवाल ढाबा रायगढ़ रोड में कुछ अन्य लोगों के द्वारा मारपीट की घटना को अंजाम दिया जा रहा था । ढाबा में खाना खा रहे प्रार्थी दुर्गेश स्वर्णकार पत्रकार एवं उनके मित्र आयुष केसरवानी ने अपने दूरभाष से 112 में डायल कर मौजूद आरक्षक राजू बरेट ड्राइवर संतोष यादव को घटना की सूचना दी। बार-बार दूरभाष से सूचना देने के लगभग आधे घंटे बाद 112 वहां पर पहुंची जिसमें से उतरते ही 112 को किसने कॉल किया था कहा गया। जब हमने अपना परिचय बताया तो उन्होंने एकाएक यह कहते हुए अश्लील गालियां देनी प्रारंभ कर दी कि 112 के पास और कोई काम नहीं होता है क्या ? हम कहां थे कैसे आ रहे हैं तुम क्या जानो। तब प्रार्थी ने जवाब दिया कि भैया यहां पर बड़ी घटना घटित हो रही थी, यहां एक युवक को कुछ लोग बुरी तरीके से लहूलुहान करके छोड़कर भाग गए हैं। जिसके लिए बार-बार रिंग करना पड़ा। ऐसा सुनकर पुलिसकर्मी भड़क गए और उन्होंने गाली गुफ्तार करना प्रारंभ कर दिया, जिसे सुनकर पत्रकार ने स्पष्ट कहा कि आप सूचना देने वाले की पहचान नहीं कर सकते और हमारी पहचान को छोड़ जो घटना घटित हो रही है और जो लहूलुहान है उसे जाकर बचाए। ऐसा सुनकर पुलिसकर्मी ने दो झापड़ पत्रकार दुर्गेश स्वर्णकार को जड़ दिए प्रत्यक्षदर्शियों ने जब उक्त मामले का विरोध किया तो 112 ने सारंगढ़ पुलिस को सूचना दी सारंगढ़ पुलिस जैसे ही ढाबा पहुंची उनके ढाबा पहुंचने से पूर्व उन्हें जबरन किडनैपिंग करने की नियत से 112 वाहन में बैठाकर अन्यत्र ले जाने का प्रयास किया जा रहा था।

सड़क मार्ग में कुछ मीडियाकर्मियों के द्वारा जब उक्त वाहन को ओवरटेक करने की कोशिश की गई तो किसी तरह 112 ने उसे थाना ले जाना लाजमी समझा। महोदय 112 में बैठाने की पूर्व प्रत्यक्षदर्शियों के समक्ष जब पुलिसकर्मियों ने मारपीट की तो कहा चल तुझे थाने में घुसकर मारेंगे तेरा लाश भी कहां मिलेगा तू नहीं जानता तेरे को जहां तबादला करवाना है। जहां शिकायत करना है करवा लेना मार तो पड़ेगी। मुझे रास्ते भर उक्त पुलिसकर्मी ने मारपीट की और थाने ले जाकर मेरे साथ बुरी तरीके से मारपीट कर रहे थे कुछ मीडिया वाले अंदर आए वीडियो शूटिंग करने लगे और उन्हें चिल्लाए तब जाकर वह कहीं शांत हुए उतने में फिर उन पर भड़क गए यहां तक कि कुछ मीडियाकर्मियों के साथ भी उन्होंने धक्का-मुक्की की।

अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) को लिखा पत्र

जब सारंगढ़ के कुछ युवाजन और मीडिया से सम्बद्ध लोगों ने मोबाइल निकाल थाने के अंदर प्रवेश किया तब जाकर वे शांत हुए। किसी तरह जनप्रतिनिधियों और मीडिया के देर रात थाना पहुंचने के बाद मामला शांत हुआ। दुर्गेश ने बताया कि पुलिसिया दुर्व्यवहार और मारपीट से उन्हें शारीरिक चोट आई हैं। मारपीट किए जाने से उसके मुंह से खून निकल रहा था। किसी छात्र नेता और पत्रकार को जबरन थाने में उठाकर ले जाना और मारपीट करना अश्लील गालियां देना कहां तक उचित है। उक्त मामले में अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) को आवेदन देकर दोषी पुलिस वालों पर तत्काल कार्यवाही की मांग किया गया है, उक्त घटना से उद्वेलित सारंगढ़ मीडिया संघ और एनएसयूआई की ओर से बड़े आंदोलन करने का संकेत मिला है।

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