ChhattisgarhPolitics
रमन सिंह चुनाव हार रहे हैं…!
रायपुर। यह हैडिंग आपको थोड़ा हैरत में डाल सकती है, लेकिन राजनांदगांव के उच्च पदस्थ सूत्रों ( जिसमें सरकार की मदद करते रहने वाले अफसर भी शामिल है। ) का कहना है कि राजनांदगांव सीट से इस बार मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह बुरी तरह से पराजित हो रहे हैं। वैसे पूरे प्रदेश से भाजपा का सुपड़ा साफ होने की खबरें मिल रही हैं, लेकिन उम्मीद जताई जा रही थीं कि मुख्यमंत्री रमन सिंह कम से कम राजनांदगांव से तो नहीं हारेंगे, लेकिन इस बार बाजी पलटने जा रही है।
गौरतलब है कि पहले रमनसिंह के खिलाफ अजीत जोगी चुनाव लड़ने वाले थे, लेकिन वे एकाएक चुनाव मैदान से हट गए। उनके मैदान से हटने के बाद मुख्यमंत्री ने एक भी बार किसी तरह की टीका- टिप्पणी नहीं की। पूरे चुनाव में भी उनके निशाने पर अजीत जोगी नहीं थे। उन्हें उम्मीद थी कि उनके सामने कांग्रेस कोई कमजोर प्रत्याशी मैदान में उतारेगी, लेकिन वहां से अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला मैदान में आ डटी।
श्रीमती शुक्ला के मैदान में आ जाने से मामला दिलचस्प हो गया। स्थिति यह तक बनी कि जो रमन सिंह केवल एक दो दिन रोड़ शो करते थे उन्होंने कई जगहों पर सभाएं की। श्रीमती शुक्ला पहले दिन से ही यह कह रही थीं कि वह रमन सिंह के लिए चुनौती बनकर आई है।
यह बात तब सही साबित हुई जब राहुल गांधी ने राजनांदगांव में रोड शो किया और भारी संख्या में लोग उमड़ पड़े। राहुल के शो का जवाब देने के लिए अमित शाह और रमन सिंह की भी रैली निकली… मगर रोड़ शो फीका रहा। इधर अटल बिहारी की भतीजी होने की वजह से तमाम समाजों से तो उन्हें समर्थन मिल ही रहा बल्कि शराब बिक्री से परेशान महिलाओं ने भी उनके साथ रमन को सबक सिखाने की ठान ली है । पता चला है कि करूणा शुक्ला को सर्व ब्राह्मण समाज ने भी अपना समर्थन दे दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी सहित अनेक केन्द्रीय मंत्रियों के चुनाव सभा में भीड़ जुटाने में भाजपा कार्यकर्ता अब तक असफ़ल रहे हैं। यहां तक कि एक केन्द्रीय मंत्री ने सभा मे 50 से भी कम की उपस्थिति को लेकर रायपुर दक्षिण के प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल को उनके कार्यकर्ता के सामने न केवल डाँटा बल्कि सभा करने से भी इंकार कर दिया। ध्यान रहे कि केन्द्रीय मंत्री सुषमा स्वराज पिछले शनिवार को चुनावी सभा करने भिलाई पहुंची तो अव्यवस्था व गिनती के कुछ लोग को देख नाराज हो गयी और घंटो हेलीकॉप्टर में बैठी रही।
यहां तक कि भाजपा के स्टार प्रचारक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चुनावी सभा में भी भीड़ नही जुटने पर भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व को भी प्रदेश में भाजपा की भदद पीटे जाने का अहसास हो चुका है। सम्भवतः इसीलिये अमित शाह ने प्रदेश का चुनाव संचालन अपने कंधे पर लेकर रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। सूत्रों के अनुसार दूसरे चरण के 72 सीटों में होने वाले चुनाव के लिए अन्य राज्यों में व्यस्त मोदी की एक और सभा छत्तीसगढ़ में करायी जा सकती है।
इधर बस्तर और राजनांदगांव की कुल 18 सीटों के बाद जो तगड़ा रुझान मिला है वह बेहद चौकाने वाला है। जानकारों का कहना है कि बस्तर की 12 सीटों में से 10 से 11 सीट पर कांग्रेस व अन्य दल के लोग कब्जा जमाते दिख रहे हैं। जबकि राजनांदगांव में भी छह में चार सीट पर कांग्रेस व अन्य दल की स्थिति बेहद मजबूत है।
अब भले ही भाजपा के पैरोकार सोशल मीडिया में यह बखान करते फिरे कि भाजपा जीत रही हैं, लेकिन सच्चाई यही है कि रमन सिंह स्वयं चुनाव हारने की स्थिति में आ खड़े हुए हैं। वैसे सोमवार को पहले चरण के चुनाव के बाद मुख्यमंत्री का आत्मविश्वास डगमगा गया है। उनकी बॉडी लैंग्वेज चेंज हो गयी है। चेहरे की चमक भी गायब हो गई है।
*कमल शुक्ला।
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