आरसीईपी के खिलाफ कल देशव्यापी विरोध आंदोलन।

छत्तीसगढ़ किसान सभा (अ.भा. किसान सभा से संबद्ध)

संसद और राज्यों को विश्वास में लिए बिना मोदी सरकार द्वारा 16 देशों के साथ किये जा रहे आरसीईपी नामक मुक्त व्यापार समझौते के खिलाफ कल पूरे देश मे विरोध आंदोलन आयोजित किये जायेंगे। इस आंदोलन का आह्वान अखिल भारतीय किसान सभा, आदिवासी अधिकार राष्ट्रीय मंच सहित कई किसान संगठनों और इनसे मिलकर बने अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने किया है। माकपा व अन्य वामपंथी पार्टियों ने भी किसानों के इस आंदोलन का समर्थन करते हुए मोदी सरकार से इस समझौते पर हस्ताक्षर न करने की मांग की है।
छतीसगढ़ किसान सभा द्वारा जारी एक बयान में इस समझौते को कृषि विरोधी और उद्योग विरोधी करार देते हुए कहा गया है कि यदि भारत इस समझौते में शामिल होता है, तो इसका हमारी खेती-किसानी, अनाज, सब्जी, मसाला और मछली उत्पादक किसानों, पशुपालक किसानों के दूध-डेयरी के व्यवसाय और विनिर्माण उद्योग पर प्रतिकूल असर पड़ेगा और वे तबाह हो जाएंगे। इसका सीधा कारण यह है कि इस समझौते की एक प्रमुख शर्त यह है कि दूसरे देशों से आने वाली वस्तुओं पर आयात शुल्क शून्य प्रतिशत होगा। इससे हमारा घरेलू बाजार विदेशी चीजों से पट जाएगा और देश मे उत्पादित वस्तुओं को ही कोई नहीं खरीदेगा।
संजय पराते
छग किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते और महासचिव ऋषि गुप्ता ने कहा कि जब हमारा देश मंदी के दौर से गुजर रहा है और आम जनता की क्रयशक्ति में कमी आने के कारण मांग की कमी से जूझ रहा है और हमारी कृषि और उद्योगों को संरक्षण देकर रोजगार पैदा करने की जरूरत है, यह प्रस्तावित व्यापार समझौता रोजगार छीनने का ही काम करेगा। इससे आम जनता के जीवन-स्तर में और ज्यादा गिरावट ही आएगी। उन्होंने कहा कि विश्व व्यापार संगठन के निर्देश पर अटल राज में खाने-पीने की 1500 वस्तुओं के आयात पर मात्रात्मक प्रतिबंध खत्म करने के बाद से देश की खेती-किसानी पहले से ही संकट में फंसी हुई है।
किसान सभा नेताओं ने बताया कि कल छत्तीसगढ़ में विभिन्न जिलों में किसान सभा ईकाईयों द्वारा इस व्यापार समझौते के खिलाफ आंदोलन किये जायेंगे और प्रधानमंत्री के नाम संबंधित अधिकारियों को जन-ज्ञापन सौंपे जाएंगे।

*संजय पराते, अध्यक्ष,
(मो) 094242-31650
*ऋषि गुप्ता, महासचिव,
(मो) 094062-21661

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *