“मोहन की लीला” और “नटखट कन्हैय्या” बंशी की धुन में ता-ता-थैया…

रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिए डारि

दक्षिण के चुनावी दंगल में इस बार एक ही नामार्थ के दो प्रत्याशी मैदान में हैं, एक भाजपा के कद्दावर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल व दूजा प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस के कन्हैया अग्रवाल।

इस विधानसभा क्षेत्र को भाजपा का गढ़ माना जाता है; और सत्तारूढ़ दल की ओर से इस सीट पर जमीन से जुड़े जनप्रिय नेता बृजमोहन अजेय योद्धा रहे हैं, मगर अब बृजमोहन की जमीन, उसके पैरों तले खिसक गई है अथवा उसकी जमीन उसी के भाई ने खिसका दी गई है ?

एक समय में “स्वरूपचंद जैन” भी अजेय हुआ करते थे जिसे यही वर्तमान के योद्धा ने परास्त किया, इसलिए बृजमोहन अग्रवाल जी गफलत में न रहिएगा।

रायपुर। दक्षिण विधान सभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैया अग्रवाल को जनसम्पर्क के दौरान व्यापक समर्थन मिल रहा है। अल सुबह से कन्हैया अग्रवाल हमेशा की तरह अपने दिनचर्या अनुरुप अपने दोपहिया में सवार होकर क्षेत्र में भ्रमण करने निकल जाते है और लोगो से मिलते-जुलते है।
क्षेत्र के लोगो को कहना है कि कन्हैया अग्रवाल को देखकर उन्हें लग रहा की हमारे बीच का कोई व्यक्ति ही चुनाव में हमारे लिए है इस बार ऐसा लग रहा है जो जनता के हक और सुविधा की लड़ाई सड़क पर हमेशा लड़े है।
     कन्हैया अग्रवाल जनता से मिल रहे समर्थन और प्रतिक्रिया को अपना उर्जास्त्रोत मानते हुए कहते है कि “जनता ने पिछले तीन दशक में क्षेत्र को देखा है जहां की अधिकांश समस्याएं आज भी जस की तस है और आज भी मूलभूत समस्याओं का निराकरण नही हो सका है यही वजह है कि जनता अब परिवर्तन चाहती है और मैं जनता के लिए ही राजनीति में हूं इसलिए जनता को मुझसे उम्मीद है और मैं जनसेवक के रूप में ही जनता का प्रतिनिधित्व हमेशा करूँगा ये क्षेत्र की जनता मुझे जानती है और यही वजह है इस बार परिवर्तन निश्चित है।”

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