पर्दे के पीछे की गर्माती राजनीति ! मामला : उत्तर बस्तर कांकेर के एक गैर शासकीय समारोह गढ़िया महोत्सव का।

महोत्सव में शामिल होने आए मुख्यमत्री भूपेश बघेल और वीआईपी के लिए बने ग्रीन रूम का पर्दा गंदा होने पर किसी राजेश तिवारी के हस्तक्षेप ने कलेक्टर के.एल.चौहान को इतना क्षुब्ध कर दिया कि उन्होंने थाना प्रभारी को मौखिक आदेश देते हुए पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन अभियंता डी.राम को उन्होंने थाना प्रभारी को मौखिक आदेश देते हुए थाने में बैठवा दिया। आरोप है कि कलेक्टर ने अभियंता को गंदी गालियां भी दीं। मामले ने तूल पकड़ा और समय बिताते देर नहीं हुआ दूसरी ओर कर्मचारी-अधिकारी संगठन ने कलेक्टर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सभी ने आगामी 3 अक्टूबर को सामूहिक अवकाश पर रहने की चेतावनी दी है।

कांकेर। घटना दिनांक 30 सितम्बर की रात की है जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल यहां गढ़िया महोत्सव का उदघाटन करने पहुंचे थे। इस दौरान वीआईपी की सुविधा के लिए ग्रीन रूम का निर्माण किया गया था। कलेक्टर के मौखिक निर्देश पर वहां की सारी व्यवस्था कार्यपालन अभियंता डी.राम संभाल रहे थे। कार्यक्रम चल रहा था कि तभी कलेक्टर की नजर ग्रीनरूम में लगे पर्दे पर पड़ी और उन्होंने उसे तुरंत बदलने के निर्देश दिए परंतु यह अचानक संभव नही था इसलिए परदा नही बदला जा सका। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक कलेक्टर ने पीड़ित कार्यपालन अभियंता डी.राम को सबके सामने उन्हें तथाकथित रूप से गालियां दी और अपमानित भी किया।
कर्मचारियों की लिखित शिकायत के मुताबिक कार्यक्रम की समाप्ति के बाद कलेक्टर के निर्देश पर टीआई कांकेर उनका हाथ पकड़कर कार्यपालन अभियंता को थाने ले गए तथा घण्टों उनसे पूछताछ के नाम पर थाने में बिठाए रखा गया। कर्मचारियों का यह भी आरोप है कि टीआई ने बाद में टीम के अन्य सदस्यों को भी फोन करके धमकाया कि तुम्हारे साहब को गिरफतार कर लिया गया है, अब तुम्हारी बारी है।
फोटो साभार तामेश्वर सिन्हा.
कर्मचारियों ने कलेक्टर के इस दुर्यव्यवहार की लिखित शिकायत लोक निर्माण विभाग के बस्तर परिक्षेत्र के मुख्य अभियंता से की है। उन्होंने कहा है कि यदि इस तरह अपमानजनक तरीके से काम लिया गया तो कोई भी काम नही करेगा। कर्मचारियों का आरोप है कि कलेक्टर इस तरह का दुरव्यवहार करते रहते हैं। सभी ने आगामी 3 अक्टूबर को सामूहिक अवकाश पर रहने की चेतावनी दी है। वहीं विभागीय कर्मियों ने कलेक्टर पर कार्यवाही की मांग को लेकर विधायक निवास को भी घेरने की खबर मिली है।
कांकेर कलेक्टर के.एल.चौहान
अवगत हो कि उत्तर बस्तर कांकेर के एक गैर शासकीय समारोह गढ़िया महोत्सव में अव्यवस्था को लेकर उपजे विवाद की जड़ कलेक्टर के.एल.चौहान का यह पहला मामला नहीं है। जब ये केशकाल में एसडीएम थे, तब बहिगांव में ट्राइफेड के माध्यम से इमली की खरीदी की जाती थी। इसी दौरान इमली विक्रेता किसानों ने समय पर भुगतान न होने के कारण चक्का जाम कर दिया था, जिसमें मुख्य मार्ग पर एक बैलगाड़ी को हटवाने के दौरान यही के.एल.चौहान अपने पद के पावर में अपना आपा खो बैठे और बात यहीं से बिगड़ गई ! आक्रोशित आंदोलनकारी भीड़ ने तब आंव देखा न तांव और फिर चौहान जी को फटेहाल काफी दूर तक दौड़ाया, जान बचाने के उद्देश्य से इन्होने एक अस्पताल भवन का सहारा लिया; जिसे भी आंदोलनकारियों ने चारो तरफ से घेर लिया था। तब के समय पुलिस बल भी पर्याप्त नहीं थे। उक्त कार्यकाल में ऋचा शर्मा तत्कालीन कलेक्टर रही और केशकाल थाने में उक्ताशय से सम्बद्ध अपराध भी दर्ज हुआ था। इस पुरे प्रकरण को लेकर नवभारत ने दूसरे दिन खबर का प्रकाशन भी किया था जिसके सम्पादक रहे बबन प्रसाद मिश्र जी को नवभारत ने बर्खास्त कर दिया था। और तब से इस महाशय को नवभारत से एलर्जी सी हो गई यह भी एक वाकया था। तब और इन्होंने अब उत्तर बस्तर कांकेर के एक स्थानीय गढ़िया महोत्सव के दौरान फिर अपना आपा खो बैठे।
कलेक्टर ने कठिन सवालों पर सीधे फोन काट दिया
मामले की जानकारी हेतु जब कलेक्टर के.एल.चौहान से मोबाइल पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का कार्यक्रम है इसलिए सबसे काम लेने की जिम्मेदारी मेरी है। अभियंता को जो काम सौंपा गया था, वह पूरी ईमानदारी से नही हुआ, इसलिए मैंने उन्हें सबके सामने टोका। कलेक्टर से जब सवाल किया गया कि क्या यह इतना गंभीर मामला था कि आपने अभियंता को थाने में बिठाने के आदेश दिए ? तो श्री चौहान ने इसका जवाब देने के बजाय फोन काट दिया।

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *