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सीएमओ और अध्यक्ष की सांठगाठ, शासकीय भूमि का बंदरबांट।

थान खम्हरिया (बेमेतरा)। नगर में इन दिनों रोमांचकारी मैच चल रहा है। मैच है जनता और स्थानीय नेताओं के बीच, देखना यह है कि मैच जनता जीतेगी या स्थानीय नेता ? इस मैच के एंपायर है स्वतंत्र मीडिया जो जनता और नेता के बीच एंपायर की भूमिका निभा रही है। कुछ नेता एंपायर के निर्णय से संतुष्ट नहीं है। तो जनता वही नेताओं के खेल से असंतुष्ट महसूस कर रही है ।
हुआ यूँ कि RVKD NEWS.IN के द्वारा “जनता की आवाज” नामक कालम पर हर वार्डों की समस्याओं को मीडिया के माध्यम से जन प्रसार-प्रचार किया जा रहा है। जनता बढ़-चढ़कर इस अभियान में मीडिया का साथ देकर अपनी समस्याओं को शासन-प्रशासन के कानों तक पहुंचाना चाहती है। इस आयोजन को जब बड़ा रिस्पोंश मिलने लगा तो कुछ छूट भइय्यें नेताओं को चींटी काटने लगी।
RVKD NEWS.IN पोर्टल पर शासन एवं प्रशासन द्वारा संचालित जनहित योजनाओं, सूचनाओं एवं समाचारों को जिले के उस अंतिम छोर के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति की समस्याओं को शासन प्रशासन व जनता के कानों तक उनकी आवाज में पहुंचाना ताकि शासन द्वारा प्रदत्त मूलभूत सुविधाओं से कोई भी व्यक्ति वंचित न रह पाये साथ ही हमारा लक्ष्य जिले की उन तमाम छोटी-बड़ी प्रशासनिक राजनैतिक अपराधिक अनैतिक एवं भ्रष्टाचार जैसी घटना या समाचारों को उनकी तह तक जाकर जनहित में खबरों का खुलासा करना है तथा शासन-प्रशासन का सहयोग बनाए रखना है। RVKD NEWS.IN न्यूज़ पोर्टल का उद्देश्य अपने दर्शकों को खबर देने के अलावा सामाजिक सरोकार भी है। इसी के तहत यह प्रयास है कि आप और युवा पीढ़ी अपनी माटी को जाने। उसके गौरव और परंपरा को पहचाने की उसकी धड़कनों और रंगों में हमेशा अपने गांव व शहर का सौंदर्य कायम रहे, RVKD NEWS.IN न्यूज़ पोर्टल का उद्देश्य किसी सामाजिक व्यक्ति नेता या युवा पीढ़ी, प्रशासन को ठेस पहुंचाना नहीं है। जो जनता हमसे कह रही है वही दिखा रहे हैं। जनता ने कहा कि शासकीय भूमि पर अतिक्रमणकारियों के हौसले इतने बुलंद क्यों है ? जोकि शासकीय भूमि पर कब्जा किए हैं। शासन प्रशासन मुकबधिर बनी बैठी हैं।
सच को सामने लाने वाले मीडिया कर्मी के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाते स्थानी नेतागण।
सवाल आता है कि ७/१०/१५ को अतिक्रमणकारियों की सूची पटवारी कार्यालय द्वारा नगर पंचायत कार्यालय को दी गई। तो फिर सभी अतिक्रमणकारियो को नगर पंचायत द्वारा दिनांक २२/१२/१५, ०४/०१/१६, २६/०४/१६, के तारीख में कैसे संपत्ति कर समेकित कर की रसीद काटी गई ? जांच का विषय है। तहसीलदार के आदेश में नगर पंचायत क्षेत्र का मामला होने का हवाला देकर कार्यवाही को मुख्य नगरपालिका अधिकारी को लिखा गया, फिर नगर पंचायत कार्यालय द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई !
सवाल नंबर एक सभी अतिक्रमणकारियों को दुकान बनाने व तार घेरा बंधी क्यों करने दिया गया ? सवाल उठता है कि मुख्य नगर पंचायत अधिकारी व नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा तत्काल कार्यवाही करते हुए उक्त शासकीय भूमि को अपने कब्जे में लेकर (तार काटा लगा कर सुरक्षित करते) व बोर्ड चस्पा करते कि “यह शासकीय भूमि है। यहां पर किसी भी प्रकार से अतिक्रमण ना करें।” क्या यह दायित्व नहीं था अध्यक्ष व अधिकारियों के ?
शासन-प्रशासन के सामने हो गया करोड़ों की भूमि पर अतिक्रमणकारियो की फेहरिस्त।
मीडिया व जनता जानना चाहती हैं कि अतिक्रमणकारियों को किसका संरक्षण प्राप्त हैं…? अध्यक्ष व अधिकारी जवाबदार पद पर हैं, तो जनता व मीडिया सवाल तो पूछेगी। अध्यक्ष महोदय आगबबूला हो गये चंद नेताओं के साथ मीडियाकर्मी के खिलाफ इतला रिपोर्ट कर दी कि, मीडिया के माध्यम से मेरे ऊपर तथा सीएमओ के ऊपर शासकीय भूमि बेचने का झूठा आरोप प्रसारित कर मुझे व कांग्रेस पार्टी को बदनाम किया जा रहा है। जिससे आम जनमानस के बीच मेरे मान-सम्मान की क्षति हो रही।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने वालों की कार्यवाही नहीं होने पर न्यूज़ डाली गई जिस पर अध्यक्ष महोदय आगबबूला हो गए और कर दी मीडिया कर्मी की शिकायत।
अध्यक्ष महोदय के इस कृत्य से नगर की जनता में आक्रोश था। वहीं मंत्री जी के कार्यक्रम में जनता इन सवालों को रखने के लिए एकजुट हो गई थी। परंतु मीडियाकर्मी द्वारा उन्हें समझाया गया कि, इस कार्यक्रम में किसी भी प्रकार से हमें कोई हो-हल्ला नही करना हैं। कार्यक्रम हमारे नगर विकास के लिए हो रहा है। मंत्री जी से सभी लोग जाकर शिकायत करने की मंशा बनाये हैं। क्या नगर की समस्याओं को जनता के बीच लाना गुनाह है ? अपराध है तो समाचार पत्र/चैनलों को बंद करवा दो।

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