गरियाबंद। त्योहारी सीजन में आम घरों में दूध दही मिठाइयों की दरकार आवश्यक हो जाती है ,रोज की बजाय त्योहारों पर प्रायः सभी घरों में दूध मिठाई की जरूरत अधिक होती है, इसी वजह से खाद्य पदार्थों की आपूर्ति के बनिस्बत मांग अधिक होना स्वाभाविक होता है। मांग और आपूर्ति के बीच आई खामी का मिलावटखोर भरपूर फायदा उठाते है और अधिक लाभार्जन के लिये मिलावटी खाद्य पदार्थों को बाजार में परोसते है।
नगर में इन दिनों त्योहारी सीजन में जिस पैमाने पर दूध व मिठाइयां बिक रही है उससे स्वाभाविक सा प्रश्न उठता है कि इतना दूध आ कहाँ से रहा है ? जिले में अमानक खाद्य पदार्थों की बिक्री पर प्रशासन सुस्त रवैया अपनाये हुए हैं, जिस समय खाद्य पदार्थों में मिलावट की पूरी आशंका होती है और खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण के अधिकारियों से कार्यवाही की उम्मीद की जाती है, ऐसे वक्त में अमला बेखबर सो रहा है। लोंगो को खाद्य वस्तुओं में मिलावट की आशंका के साथ मिलीभगत का भी संदेह होता है।
“मई माह में की गई थी कार्यवाही”
जिले में छः माह पूर्व भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण के अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा कार्यवाही की गई थी। तब कई दुकानदारों से अमानक खाद्य पदार्थो के सैम्पल लेकर चलित प्रयोग शाला में जांच की गई थी, जांच में पाया गया था की कुछ होटल संचालक जलेबी, समोसा मगज के लड्डू बूंदी के लड्डूओ में प्रतिबंधित गाय छाप पीले रंग का प्रयोग कर रहे थे।