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मोदी के फैसले “तीन तलाक कानून” का विरोध छत्तीसगढ़ के बालोद जिला से आगाज…

बालोद में कई मुस्लमान कर रहे तीन तालाक का विरोध इसका एक उदाहरण बालोद के व्हाट्सएप ग्रुप में देखने को मिला, सोशल मीडिया के माध्यम से हो रहा विरोध…

*हेमंत साहू
बालोद। G.S.Tigala ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) कानून-2019 को नहीं मानूँगा कह दिया, जिसको जो करना है करे, हम तो जो इस्लाम मे दिया है उसे ही मानेंगे कहा है। ये कानून गलत है, जिसको जो करना है करे, ग्रुप में एक पत्रकार द्वारा उन्हें समझाया गया ये भारत के संविधान में शामिल हो गया है और उसे इसका सम्मान करना होगा।तो उन्होंने साफ कहा भारत किसी के बाप नही। कई पत्रकारों द्वारा G.S.Tigala का विरोध किया गया, फिर भी वो समझने को तैयार नही।

तीन तलाक का लगा कई मुस्लमानो को कड़ा झटका

बता दें कि मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) कानून-2019 के तहत अब एक साथ तीन तलाक गैर-कानूनी हो चुका है और इस अपराध के जुर्म में अपराधी को 3 साल तक की सजा के साथ-साथ जुर्माना भी देना पड़ सकता है।
अब मुस्लिम पति बोलकर, लिखित या किसी भी माध्यम से बीवी को तीन तलाक नहीं दे सकता, क्योंकि यह संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आ चुका है। यही नहीं अगर पीड़िता पुलिस के पास शिकायत लेकर जाती है तो आरोपी को मैजिस्ट्रेट भी तभी बेल दे पाएगा, जब वह पीड़िता का पक्ष भी सुन ले। यही नहीं मैजिस्ट्रेट की इजाजत से तलाक हो जाने की स्थिति में भी पत्नी अपने पति से गुजारा भत्ता मांग सकती है। ये वो प्रावधान हैं जिनका मौलाना शुरू से विरोध करते रहे थे। लेकिन अब सरकार ने इस कड़े कानूनी प्रावधान को लागू कर दिया है।

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