प्रेस क्लब रायपुर: 60 दिन में चुनाव का आदेश।
कार्यकाल खत्म होने के बावजूद जमे पदाधिकारियों को बड़ा झटका, संविधान संशोधन की पूरी कवायद अवैध घोषित।

रायपुर hct : राजधानी के बहुचर्चित प्रेस क्लब रायपुर में लंबे समय से चुनाव टाले जा रहे थे। कार्यकारिणी का कार्यकाल 17 फरवरी 2025 को ही समाप्त हो चुका था, लेकिन पदाधिकारी कुर्सी से चिपके रहे। इस दौरान कार्यकाल बढ़ाने और संविधान में संशोधन करने की कवायद भी की गई। 1 दिसंबर 2024 को बुलाई गई सामान्य सभा का हवाला दिया गया, लेकिन उसमें न तो 3/5 बहुमत हासिल था और न ही बैठक बुलाने की वैधानिक प्रक्रिया पूरी हुई।
पंजीयक ने दी दो टूक चेतावनी
फर्म एवं संस्थाएं की पंजीयक पद्मिनी भोर्ई ने विस्तृत आदेश जारी कर पूरी प्रक्रिया को अवैध करार दिया।
आदेश में कहा गया है कि संविधान संशोधन और कार्यकाल विस्तार का प्रस्ताव नियमानुसार पारित ही नहीं हुआ। 15 दिन पूर्व सूचना का नियम नहीं माना गया, कार्यवाही का मिनट्स रजिस्टर जमा नहीं हुआ और न ही सदस्यों की सहमति प्राप्त की गई। इसलिए कार्यकारिणी का कार्यकाल स्वतः समाप्त मानते हुए 60 दिनों के भीतर चुनाव कराने का निर्देश दिया गया।
शिकायतों की पृष्ठभूमि
क्लब के कई वरिष्ठ सदस्यों – दामू अंबाडारे, मोहन तिवारी, संदीप पुराणिक, प्रदीप चंद्रवंशी और विजय कुमार वर्मा – ने पदाधिकारियों की मनमानी के खिलाफ पंजीयक कार्यालय में शिकायत की थी। उनका कहना था कि पदाधिकारी क्लब को “अपनी बपौती” समझकर नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। सुनवाई में सभी आपत्तियाँ सही साबित हुईं और संविधान संशोधन की कोशिशें ध्वस्त हो गईं।
नए चुनाव की राह साफ
पंजीयक ने साफ कर दिया है कि चुनाव पुरानी मतदाता सूची के आधार पर ही होंगे। चुनाव सम्पन्न होने के बाद नयी कार्यकारिणी का पंजीयन विधिवत रजिस्ट्रार कार्यालय में कराया जाएगा। आदेश में यह भी चेतावनी दी गई है कि यदि तय समयसीमा में चुनाव नहीं हुए तो वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
पत्रकारों में राहत और खुशी
निर्णय आने के बाद क्लब के भीतर लंबे समय से चल रही खींचतान पर विराम लग गया है। सदस्य इसे न्याय की जीत बता रहे हैं। उनका कहना है कि यह फैसला उन पदाधिकारियों के लिए करारा तमाचा है जिन्होंने क्लब को अपनी जागीर समझ लिया था। अब पत्रकार समुदाय को नए प्रतिनिधि चुनने का अवसर मिलेगा और क्लब की गरिमा बहाल होगी।
