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Chhattisgarh

बालोद में एचआईवी-एड्स जागरूकता हेतु इंटेंसिफाइड आईईसी कैंपेन की शुरुआत

रैली, नुक्कड़ नाटक और पंचायत स्तर तक पहुंचेगा संदेश; आगामी दो माह चलेगा जागरूकता अभियान

स्वास्थ्य विभाग ने बनाई ठोस रणनीति

गुरूर (बालोद) hct : जिले में एचआईवी-एड्स जागरूकता को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने इंटेंसिफाइड आईईसी कैंपेन की शुरुआत की है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य समाज के हर वर्ग तक एचआईवी से जुड़ी जानकारी पहुंचाना और लोगों को इससे जुड़े मिथकों से मुक्त करना है। स्वास्थ्य विभाग ने इसे व्यापक स्तर पर चलाने की योजना बनाई है, जिसके तहत अगले दो माह तक गांव-गांव और पंचायत स्तर पर अलग-अलग गतिविधियां होंगी।

अधिकारियों के मार्गदर्शन में अभियान

अभियान की रूपरेखा पीडी मैडम डॉ. प्रियंका शुक्ला और एपीडी डॉ. खेमराज सोनवानी के निर्देशन में तैयार की गई। संयुक्त संचालक आईसीई डॉ. अजय के मार्गदर्शन और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे.एल. ऊईके तथा जिला नोडल अधिकारी डॉ. जी.आर. रावटे के सहयोग से इस कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। इस मौके पर जिले के सभी विकासखंडों से काउंसलर, एसटीआई काउंसलर और सूत्र समाज सेवी संस्था के प्रतिनिधि शामिल हुए।

प्रथम 95 गोल’ पर विशेष जोर

बैठक के दौरान अधिकारियों ने “प्रथम 95 गोल” की प्राप्ति को प्राथमिकता दी। इसमें लक्ष्य रखा गया है कि 95 प्रतिशत संक्रमित व्यक्ति अपनी एचआईवी स्थिति से अवगत हों, 95 प्रतिशत को उपचार उपलब्ध कराया जाए और 95 प्रतिशत मरीज उपचार का नियमित पालन करें। यही वजह है कि जागरूकता अभियान में संवाद, सहयोग और समुदाय की सहभागिता को सबसे अहम माना गया।

जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार

वक्ताओं ने स्पष्ट कहा कि केवल चिकित्सा उपचार से एचआईवी पर काबू पाना संभव नहीं है। सामाजिक सहयोग और खुलकर चर्चा भी उतनी ही जरूरी है। अगर लोग समय पर जांच कराएं और उपचार लें, तो बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है। इसी सोच को आधार बनाकर स्वास्थ्य विभाग ने रैली, पंपलेट वितरण, नुक्कड़ नाटक और सभाओं के जरिए सीधे जनता तक पहुंचने की योजना बनाई है।

पंचायत स्तर तक पहुंचेगा संदेश

स्वास्थ्य विभाग की तय रणनीति के अनुसार हर पंचायत में अलग-अलग गतिविधियां की जाएंगी। इससे न सिर्फ ग्रामीणों को एचआईवी-एड्स की सही जानकारी मिलेगी, बल्कि समुदाय खुद भी इस अभियान का हिस्सा बनेगा। विभाग का मानना है कि जागरूकता ही सबसे बड़ी ताकत है और इसी के बल पर “जीरो एचआईवी इंफेक्शन” का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

आने वाले दो माह होंगे निर्णायक

स्वास्थ्य अमला इस अभियान को लेकर उत्साहित है। उनका कहना है कि आने वाले दो महीनों में बालोद जिले के हर पंचायत में यह संदेश पहुंचाया जाएगा। इससे जहां लोगों की सोच बदलेगी, वहीं एचआईवी-एड्स नियंत्रण कार्यक्रम को नई दिशा मिलेगी और समाज को स्वस्थ भविष्य की ओर बढ़ने का अवसर मिलेगा।

 

अमीत मंडावी संवाददाता

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