यातायात जागरूकता का आगाज और इधर ट्रक चालक ने दिया दुर्घटना को अंजाम !
कार्यक्रम स्थल से महज कुछ ही दूरी पर, हरियाणा पासिंग के एक भारी वाहन ने एक लाल स्विफ्ट कार को जोरदार टक्कर मार दी।

मैनपुर {गरियाबंद} hct : सोमवार को गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखंड में यातायात नियमों और सड़क सुरक्षा के प्रति जन-जागरूकता फैलाने के लिए एक भव्य आयोजन का तामझाम बिखेरा गया। गरियाबंद यातायात पुलिस, आरटीओ विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने मिलकर इस “महाकुंभ” का आयोजन किया, जिसमें मुफ्त लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बांटने से लेकर आंखों की जांच तक की सुविधाएं थीं। मकसद था सड़कों पर अनुशासन लाना और नागरिकों को सुरक्षित ड्राइविंग का पाठ पढ़ाना। लेकिन, जैसा कि हमारे देश में हर भव्य आयोजन की नियति होती है, इसकी स्क्रिप्ट में भी एक ट्विस्ट छिपा था।
शानदार आगाज और…
कार्यक्रम का शुभारंभ एक जोरदार बाइक रैली के साथ हुआ, जिसमें स्कूली छात्र, स्थानीय लोग और पुलिस के जवानों ने उत्साह से अपनी प्रतिभागिता निभाई जहाँ छालीवुड से विशेष आमंत्रित उभरते कलाकार आकाश सोनी और अभिनेत्री ज्योत्सना ताम्रकार की उपस्थिति ने कार्यक्रम को सफल बनाने में महती भूमिका अदा किया और माहौल में जोश की लहर दौड़ पड़ी।
स्टॉल्स पर मुफ्त लर्निंग लाइसेंस और आंखों की जांच की सुविधा ने लोगों का दिल जीत लिया, वहीँ पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा के नेतृत्व में आयोजन ने सफलता के कदम चुम ही चुके थे। लेकिन, जैसा कि हर सफल कार्यक्रम में कहीं कोई खामी रह जाती है ठीक वैसे ही एक अप्रत्याशित घटना इस सफल आयोजन में एक दाग छोड़ गया।
हादसा…
कार्यक्रम स्थल से महज कुछ ही दूरी पर, हरियाणा पासिंग के एक भारी वाहन (क्रमांक HR 55 AP 5754) ने एक लाल स्विफ्ट कार (क्रमांक MH 01 CD 8218) को जोरदार टक्कर मार दी। कार में सवार एक दंपत्ति और उनका चार साल का मासूम बच्चा था। गनीमत रही कि इस हादसे में किसी की जान नहीं गई, लेकिन कार का एक हिस्सा ऐसा चकनाचूर हुआ कि उसे रायपुर तक ले जाने का सपना वहीं सड़क पर दम तोड़ गया।
अब आते हैं हादसे के “हीरो” पर ट्रक चालक, जो उम्र में कम और अनुभव में और भी कम लग रहा था। ऐसा प्रतीत हुआ मानो उसने ट्रक चलाना यातायात जागरूकता अभियान के पोस्टर देखकर ही सीखा हो… ! अपनी ही लेन में चलते हुए उसने कार को ठोकर मार दी, जो यातायात नियमों की किताब में शायद “101 गलतियां जो कभी नहीं करनी चाहिए” के पहले पन्ने पर लिखा है। और तो और, हादसे के बाद चालक ने मौके से भागने की कोशिश की, लेकिन एक अन्य कार चालक ने उसका पीछा कर उसे कुछ दूर पर रुकने को मजबूर किया…
किसी ने दिखाई चुस्ती और पुलिस ने दिखाई सुस्ती

इस बीच, हाईवे क्राइम टाइम https://www.highwaycrimetime.in के जिला प्रतिनिधि मुकेश सोनी ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए दोनों वाहनों की तस्वीरें खींचीं और मैनपुर थाने को तुरंत सूचना दी। उनकी इस मानवता भरी कार्यकलाप ने साबित कर दिया कि भले ही सड़क पर नियम टूटें, लेकिन इंसानियत अभी जिंदा है। मैनपुर थाना पुलिस ने भी पहुंचने की बात तो की मगर पंहुचा कब…? यह अनिश्चय तब तक छाया रहा ! क्योंकि हमारे प्रतिनिधि को आवश्यक कार्य से मैनपुर पहुंचना था और जब आधा घंटा तक पुलिस नहीं पहुंची, हमारे प्रतिनिधी घटना स्थल से मैनपुर की ओर रुखसत हो चुके थे।
जागरूकता या विडंबना?
अब जरा सोचिए, एक तरफ यातायात जागरूकता का ढोल पीटा जा रहा है, बाइक रैली निकाली जा रही है, और दूसरी तरफ उसी सड़क पर एक अनुभवहीन चालक नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए हादसा कर देता है। यह आयोजन सड़क सुरक्षा का सबक सिखाने के लिए था, लेकिन बाजा घाटी का यह हादसा तो जैसे आयोजकों को ही आईना दिखा गया। मुफ्त लाइसेंस बांटने का उत्साह ठीक है, लेकिन क्या यह सुनिश्चित किया गया कि लाइसेंस लेने वाले ड्राइवर सड़क पर नियमों का पालन भी करेंगे? या फिर यह सिर्फ एक और सरकारी आयोजन था, जिसमें रिबन काटने, रैली निकालने और फोटो खिंचवाने की रस्म पूरी हो गई?
सबक दे गया यातायात जागरूकता अभियान
जागरूकता के लिए रैलियां और स्टॉल्स जरूरी हैं, लेकिन असल बदलाव तब आएगा जब सड़क पर हर चालक नियमों को दिल से अपनाए। ट्रक चालक की गलती ने यह सवाल खड़ा कर दिया कि क्या हम सिर्फ आयोजनों की चमक-दमक में खो रहे हैं, या वाकई सड़क सुरक्षा को गंभीरता से ले रहे हैं? बहरहाल, छालीवुड सितारों की चमक और पुलिस की मेहनत के बावजूद, बाजा घाटी का हादसा इस आयोजन की स्क्रिप्ट में एक ऐसा ट्विस्ट बन गया, जो शायद किसी ने नहीं लिखा था।
आवश्यकता महसूस की जा रही है कि जब कभी दुबारा ऐसा आयोजन का आगाज हो, ट्रक चालकों के लिए भी एक “जागरूकता स्टॉल” लगाएं
