मौन चीख़ें : जब मासूमियत को भी समझ नहीं सका बचपन
13 वर्षीय नाबालिग ने पड़ोस की 3 वर्षीय बच्ची के साथ किया दुष्कर्म !

रायपुर hct : शहर के एक शांत मोहल्ले में हाल ही में एक ऐसी घटना घटी जिसने समाज के उस पक्ष को उजागर कर दिया, जो अब भी चर्चा से परे है—बचपन में बिगड़ती समझ और सामाजिक जागरूकता की कमी।
एक 13 वर्षीय किशोर ने अपने ही पड़ोस की 3 वर्षीय बच्ची के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार किया, जिसे शब्दों में बयां करना कठिन है। यह घटना केवल एक अपराध नहीं, बल्कि हमारे सामाजिक ढांचे पर एक गहरा सवाल है—क्या हम अपने बच्चों को भावनात्मक और नैतिक शिक्षा दे पा रहे हैं?
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए किशोर को बाल सुधार गृह भेजा है, लेकिन असल सुधार की ज़रूरत समाज को है। बुद्धिजीवियों का मानना है कि आज के दौर में किशोरों के बीच बढ़ती हिंसा और विकृत मानसिकता के पीछे सोशल मीडिया, अश्लील कंटेंट की उपलब्धता और पारिवारिक संवाद की कमी बड़ा कारण है।
बच्ची का उपचार जारी है, और उसका परिवार गहरे सदमे में है। स्थानीय संगठनों ने इस घटना के खिलाफ मौन जुलूस और जागरूकता अभियान शुरू करने की घोषणा की है।
यह समय है जब हमें सवाल करना चाहिए—क्या हमारे घरों, स्कूलों और समाज में बच्चों को वह सुरक्षा और संवेदनशीलता मिल रही है, जिसके वे हकदार हैं..?
