फर्क बस इतना है कि इलाहाबाद से बरेली की दूरी महज 476 किमी है।
कल रात में एक पिता अपनी १५ साल की बेटी के साथ ट्रेन में सफर कर रहे थे। जैसे ही ट्रेन बरेली...

उस दरिंदे ने तो उस १५ साल की बच्ची के पजामे का बस नाड़ा तोड़ा, और उसके कपड़े उतारने प्रयास किया था कि बच्ची खून से लथपथ हो गई;
और इधर सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद के माननीय न्यायमूर्ति पर FIR दर्ज नहीं किए जाने का फरमान जारी कर उनके निर्णय पर राहत की चादर लपेट दिया…
सुप्रीम कोर्ट के राहत देने वाली उक्त फैसले पर x.com पर एक शख्स ने कुछ इस तरह अपनी प्रतिक्रिया जाहिर किया है – “कोठे की मुख्य मौसी अपने कमाऊं धंधेवाली के साथ हमेशा खड़ी रहेगी भाई !?”
बरेली hct : मामला कुछ ऐसा है – कल रात में एक पिता अपनी १५ साल की बेटी के साथ ट्रेन में सफर कर रहे थे। जैसे ही ट्रेन बरेली सिटी स्टेशन पहुंची; वह पानी लेने के लिए उतरा, इतने में ट्रेन चल दी और वह चढ़ नहीं पाया।
बेटी परेशान हुई, वह किसी तरह से ट्रेन से कूद गई। रात हो गई थी। उसने वहीं एक व्यक्ति को अपनी समस्या बताई। व्यक्ति ने मदद करने के बजाय उसके साथ रेप किया।
बच्ची बदहवाश; खून से लथपथ किसी तरह से सिटी स्टेशन पहुंची। बताया जा रहा है कि जीआरपीएफ के होश फाख्ता हो गए। किसी तरह से हॉस्पिटल लेकर गए। वहां एक ऑपरेशन हो चुका है, दूसरा होना बाकी है।
स्थिति गंभीर है। पिता का रो-रोकर बुरा हाल है।
खबर यह भी है कि अभी तक आरोपी का कोई सुराग नहीं मिला है। मिल भी जाएगा तो क्या घंटा होगा ! क्योंकि मामला उसी प्रदेश का है जिस प्रदेश के न्यायाधीश ने बेसिर–पैर का निर्णय जो दिया था। फर्क बस इतना है कि इलाहाबाद से बरेली की दूरी…