पुलिस वाहन में नशा, वर्दी के करीबी होने का या …
मामला पुलिस से जुड़ा होना बताया जा रहा है ! हालांकि आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है...
एक तरफ तो कप्तान साहब राजधानी को नशा मुक्त करने की दिशा में निजात अभियान छेड़े हुए है और वहीँ दूसरी तरफ उसकी ही पुलिस वाहन में कुछ छपरी लौंडे बेख़ौफ़, बिंदास ड्रग्स के मजे ले रहे हैं। रायपुर पुलिस अधीक्षक की नशा मुक्ति अभियान का अब उनके अपने ही मातहत खुलेआम धज्जियाँ उड़ा रहे हैं। शहर में कहीं चोरी-छिपे तो कहीं थानेदार से डायरेक्ट सेटिंग में खुलेआम गांजा और दीगर मादक पदार्थ की बेख़ौफ़ बिक्री की जा रही है। रायपुर के कालीबाड़ी स्थित सार्वजानिक शौचालय के पास तो पुलिस वालों की शै में ही गांजा का रोजना एक से डेढ़ लाख की बिक्री होने का अनुमान है। और अब देखने में आ रहा हैं कि नशे के इन शौकीनों ने पुलिस वाहन को भी नहीं बख्श रहे हैं !
रायपुर hct : अपराधगढ़ की ओर अपनी पैर पसारता छत्तीसगढ़ में अब हत्या, चाकूबाजी आम घटना हो गई है। प्रदेश में जहाँ “हिरासत में मौत” का आंकड़ा दर्जन को पार करने एकाध मामला ही पीछे रह गए हैं तिस पर तुर्रा यह कि अब तो राजधानी के पुलिस द्वारा प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या के भी मामले सामने आने लगे हैं।
थाना टिकरापारा से दूसरी बड़ी लापरवाही
टिकरापारा थाना से जुड़ा एक ऐसा मामला जहाँ संतोषी नगर इलाके से एक युवक ने पुलिस प्रताड़ना से तंग आकर मौत को गले लगा लिया जुम्मा-जुम्मा अभी 24 से 36 घंटा भी नहीं बीता होगा कि अब उसी थाने से एक चौकाने वाला मामला राजधानी पुलिस की सजगता पर प्रश्न चिन्ह लगते हुए उसकी कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा कर रही है…!
पुलिस वाहन में नशाखोरी का विडियो वायरल
देखें … Youtube पर
मामला दरअसल यह है कि सोशल मीडिया में एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ युवक पुलिस की गाड़ी में नशा करते हुए पुलिस को चुनौती देने जैसा काम कर रहे हैं गाड़ी में बैठे तीन से चार युवक जो मीडिया सूत्रों के अनुसार संजय नगर निवासी बताए जा रहे है, सिगरेट और गोगो लेकर धुआं उड़ाते दिख रहा है। फ़िलहाल मामला पुलिस से जुड़ा होना बताया जा रहा है। लेकिन अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
आरोपी और पुलिस में गजब का गठजोड़
यह तो बेहद ही संगीन मामला है लेकिन इसके पहले भी ऐसे कई वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो चुके हैं जिसमें आरोपी पुलिस के गिरफ्त में आने के बाद चेहरे पर ऐसे स्माइल करते हैं, जैसे वो अपनी ससुराल में अपने साले साहब से हंसी ठिठोली कर रहे हों…!
इतना ही नहीं कभी-कभी तो कोर्ट परिसर में पुलिस के घेरेबंदी के बीच खुद को किसी डॉन से कमतर नहीं जैसा दिखाते हुए रील बनवाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर हैं, इन सब मामले को लेकर पुलिस के कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़ा होना लाजमी है। लगातार ऐसे पुलिस की छवि धूमिल करने का काम हो रहा है ऐसे में माननीय पुलिस अधीक्षक महोदय के द्वारा तत्काल कोई कड़ा रुख अख्तियार नहीं किया गया और दोषी पुलिस वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किया गया तो इन अपराधियों और बदमाशों के हौसले बुलंदी को पार कर राजधानी में दहशतगर्दी को बढ़ावा देने से इतर नहीं होगा।