सुबह पांच बजे पहुंचे आवास पर लोकायुक्त, नींद खुली तो दहशत में आए पंचायत सचिव
मध्य प्रदेश के डिंडौरी के समनापुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत जाड़ासुरंग के सचिव के घर में आय से अधिक संपत्ति के मामले में की जा रही है जांच। लोकायुक्त के डीएसपी दिलीप झरबड़े के नेतृत्व में 10 सदस्यीय टीम कार्यवाही में जुटी हुई है। समनापुर जनपद के जाड़ासुरंग पंचायत में पदस्थ सचिव पर मनमानी के आरोप लंबे समय से लगते रहे हैं।
HIGHLIGHTS
- बम्हनी स्थित आवास में छापा मारा है।
- किसी को भी घर में प्रवेश नहीं दिया।
- कीमती जमीन भी सामने आ रही है।
समनापुर डिंडौरी (Dindori News)। जिले के समनापुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत जाड़ासुरंग के सचिव के घर लोकायुक्त की टीम ने बुधवार की सुबह लगभग 5 बजे छापा मारा।
बम्हनी स्थित आवास में छापा मारा
आय से अधिक संपत्ति मामले में लोकायुक्त की कार्यवाही अभी जारी है। लोकायुक्त की टीम ने पंचायत सचिव मनोज यादव के ग्राम बम्हनी स्थित आवास में छापा मारा है।
लोकायुक्त ने किसी को भी प्रवेश नहीं दिया
जानकारी लगते ही बड़ी संख्या में ग्रामीणों का जमावड़ा पंचायत सचिव के घर के बाहर लग गया है। लोकायुक्त पुलिस किसी को भी अंदर प्रवेश नहीं करने दे रही है। पंचायत सचिव से भी पूछताछ की जा रही है।
कीमती जमीन भी सामने आ रही है
बताया गया कि सचिव के पास चार पहिया वाहन सहित कीमती जमीन भी सामने आ रही है। डीएसपी ने बताया कि जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होगी की कितनी संपत्ति पंचायत सचिव ने अवैध तरीके से अर्जित की है।
आधा दर्जन से अधिक ग्राम पंचायत में ठेकेदारी भी
पंचायत सचिव पर राजनीतिक संरक्षण भी होने के चलते वह अपनी ग्राम पंचायत सहित आसपास की आधा दर्जन से अधिक ग्राम पंचायत में ठेकेदारी भी करता था।
कार्य की गुणवत्ता पर भी लंबे समय से सवाल उठते रहे
सचिव के माध्यम से कराए गए निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर भी लंबे समय से सवाल उठते रहे हैं। बताया गया कि विभागीय स्तर पर भी कोई कार्रवाई करने से पंचायत सचिव पर कतराता था। इसी के चलते उसके द्वारा लगातार मनमानी बरती जा रही थी।
पंचायत सचिव ठेकेदारी का काम भी कर रहे हैं
आय से अधिक संपत्ति की शिकायत के बाद जबलपुर लोकायुक्त ने यह कार्रवाई की है। गौरतलब है कि ग्रामीण अंचलों में पंचायत सचिव ठेकेदारी का काम भी कर रहे हैं। इसमें कुछ इंजीनियर की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
पंचायत सचिव अपने माध्यम से कराते हैं
मनमानी पूर्वक ग्राम पंचायत के काम पंचायत सचिव अपने माध्यम से कराते हैं और लाखों रुपए कमा रहे हैं।इस मामले में जनपद स्तर के अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।