बदमाशों ने 20 लाख के नकली नोट बनाने का लालच देकर ठेकेदार से हड़पे साढ़े पांच लाख रुपये
शिकायत के बाद पुलिस ने भानपुर ओवरब्रिज के पास घेराबंदी कर 39 वर्षीय आरिफ अली उर्फ बाबू तथा 52 वर्षीय रियाज अली को गिरफ्तार किया। पूछताछ में दोनों ने बताया कि हमने अलग-अलग शहराें में धोखाधड़ी की राशि बांटने की योजना बनाई थी।

HIGHLIGHTS
- ढाई लाख के कागज और सात लाख की स्याही के लिए वसूले 5.5 रूपये।
- आटो ड्राइवर दोस्त के माध्यम से बदमाशों के संपर्क में आया था ठेकेदार।
- साइबर क्राइम पुलिस ने दो आरोपितों को किया गिरफ्तार, एक फरार।
भोपाल। नकली नोट बनाने का लालच देकर राजधानी में तीन बदमाशों ने एक ठेकेदार से पांच लाख 60 हजार रूपये की धोखाधड़ी की है। आरोपितों ने उसे ढाई लाख रुपये के कागज व सात लाख की स्याही से 20 लाख रुपये के नकली नोट बनाने का झांसा दिया था। लालच में आकर ठेकेदार ने पहले दो लाख 60 हजार और फिर तीन लाख रुपये बदमाशों को दिए।
रुपये ऐंठने के बाद बदमाश मोबाइल बंद कर अपने ठिकानों से फरार हो गए। पीड़ित ठेकेदार राजकुमार मेहरा की शिकायत पर क्राइम ब्रांच पुलिस ने तीनों आरोपितों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया और रविवार को दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।
वहीं धोखाधड़ी का एक अन्य आरोपित फरार है। पुलिस के अनुसार राजकुमार ईंटखेड़ी थाना क्षेत्र में रहता है। करीब 15 दिन पहले उसके ड्राइवर दोस्त उस्मान ने उसे नकली नोट बनाने के व्यवसाय के संबंध में आरिफ अली उर्फ बाबू, शेरू खान उर्फ राजकुमार पटेल और रियाज से मिलवाया था।
भानपुर ओवरब्रिज के पास से गिरफ्तार हुए आरोपित
तीनों बदमाशों ने उसे बताया कि दो लाख 60 हजार रुपये में कागज का बंडल और सात लाख रुपये से कैमिकल कलर स्याही खरीदी जाती है। बंडल से 20 लाख रुपये कीमत के 100 एवं 500 रूपये के नोट बनते हैं। स्याही की डब्बी से 85 लाख रुपये के नोट बनाए जा सकते हैं।
राजकुमार मेहर उनकी बातों में आ गया और उस्मान के साथ मित्तल कालेज के पीछे टाप रेसीडेन्सी में आरिफ, शेरू और रियाज ने बैग से कांच की प्लेट, स्याही, पाउडर प्रेस और नोट के आकार के भरे हुए सफेद कागज का बंडल निकाला।
उन्होंने काले कांच के दो टुकड़ों के बीच में कागज लगाया और उसमें कैमिकल व पाउडर मिलाकर पानी से धो दिया। ऐसे उसने 100-100 रूपये के नौ नोट निकाल और प्रेस करके सुखाये। उन्होंने ये नोट राजकुमार को देकर बाजार में चलाने को कहा। उसने इसमें से 300 रुपये का पेट्रोल डलवाया और फिर बाकि 600 रुपये से फल-सब्जियां खरीदीं।
इसके बाद आरोपितों ने पीड़ित से नकली नोट के कागज के लिए दो लाख 60 हजार रुपये लिए। दो दिन बाद उन्होंने 18 हजार रुपये उसे दिए और बताया कि ये नकली नोट हैं। वहीं नोट बनाते समय स्याही गिरी तो उन्होंने स्याही के लिए तीन लाख रुपये लिए, जो आरोपित ने प्लाट बेचने की राशि से दिए थे। वहीं रुपये लेने के बाद वे गायब हो गए।