Welcome to CRIME TIME .... News That Value...

Crime

सीधी में संपत्ति के लिए बेटों ने ही कर दी पिता की हत्या… ऐसे पुलिस ने पकड़ा

मध्‍य प्रदेश के सीध में रामनगर के 80 वर्ष के काशी प्रसाद केवट 23 सितंबर को घर के बाहर सो रहे थे। रात में अज्ञात व्यक्ति ने धारदार हथियार से मारकर हत्या कर दी थी। रिपोर्ट के आधार पर मामला पंजीबद्ध कर जांच शुरू की गई। जांच के दौरान पाया गया कि नहर का मुआवजा काशी के पास था, खेत बेटे जोत रहे थे। यही कारण बना मौत का।

HIGHLIGHTS

  1. पहली पत्नी के बेटे ने हत्या को अंजाम दिया है।
  2. मुआवजा के लिए लंबे समय से विवाद हो रहा।
  3. चौबीस घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया है।

सीधी (Sidhi Crime)। हत्या के आरोपित को सिहावल चौकी पुलिस ने चौबीस घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया है। पहली पत्नी के बेटों ने हत्या को अंजाम दिया है। दोनों के बीच जमीन के मुआवजा के पैसे को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। यह कार्रवाई सिहावल चौकी पुलिस टीम ने किया है।

23 सितंबर को घर के बाहर सो रहे थे

पुलिस को सूचना मिली कि काशी प्रसाद केवट 80 वर्ष निवासी रामनगर 23 सितंबर को घर के बाहर सो रहे थे। रात में अज्ञात व्यक्ति ने धारदार हथियार से मारकर हत्या कर दी थी। रिपोर्ट के आधार पर मामला पंजीबद्ध कर जांच शुरू की गई।

नहर का मुआवजा काशी के पास था

जांच के दौरान पाया कि काशी प्रसाद केवट के पहले पत्नी के बेटे राममिलन केवट है तथा दूसरी पत्नी केमली के 6 बेटे हैं। जमीन हिस्सा में जोतने के लिए राममिलन केवट को दिया था। जमीन काशी प्रसाद केवट के नाम से रही। नहर का मुआवजा काशी प्रसाद केवट के पास था।

मुआवजा के लिए बेटों ने योजना बनाई

मुआवजा के कारण चलते आरोपित राममिलन केवट एवं पारस कोल ने योजना बनाकर कुल्हाडी लेकर घटना को अंजाम दिया। प्रकरण के अनुसंधान से आरोपित राममिलन केवट पिता काशी प्रसाद केवट एवं पारस कोल पुत्र रामऔतार कोल दोनों निवासी रामनगर कला के विरुद्ध मामला पंजीबद्ध कर न्यायालय में पेश किया गया। जहां से जेल भेज दिया गया है।

कार्रवाई में इनका सराहनीय योगदान रहा

यह कार्रवाई थाना प्रभारी राजेश पाण्डे, उप निरीक्षक शेषमणि मिश्रा,उप निरीक्षक इन्द्राज सिंह, सउनि लालमणि बसल, दहीच अग्निहोत्री, प्रआ. बिक्रम सिंह आरक्षक दीपेन्द्र,अलोक त्रिपाठी, संदीप चतुवेर्दी, संदीप गुर्जर थाना थाना अमिलिया व सिहावल चौकी के आर. चेतन मिश्रा, राहुल सिंह,बृजेश बैस का सराहनीय योगदान रहा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page