Indore Hit And Run Case: इंदौर हिट एंड रन कांड के आरोपी को रईस दिखने का था शौक, इसलिए 8 लाख में खरीदी थी 11 साल पुरानी BMW
इंदौर बीएमडब्ल्यू हिट एंड रन केस में गजेन्द्र प्रताप सिंह आरोपी है, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया था। गजेन्द्र मूल रूप से ग्वालियर का रहने वाला है, जो फिलहाल इंदौर की सनसिटी में रहता है। रांग साइड में कार चलाकर उसने दीक्षा जादौन और लक्ष्मी तोमर की जान ले ली थी।
HIGHLIGHTS
- बॉस का बर्थडे केक ले जाने की थी जल्दी
- हादसे में दो युवतियों की गई थी जान
- आरोपी को इंदौर पुलिस ने जेल भेजा
इंदौर (Indore Hit and Run Case)। मध्य प्रदेश के इंदौर में खजराना थाना क्षेत्र के महालक्ष्मी नगर रोड पर तेज गति से कार चलाकर दो युवतियों को टक्कर मारने वाले आरोपी को पुलिस ने सोमवार को जेल भेज दिया है। हादसा 11.53 बजे हुआ है और उसे 12 बजे सीनियर पंकज के जन्मदिन पर केक लेकर पहुंचना था। इसी जल्दबाजी के कारण उसने यह घटना को अंजाम दिया है।
पूछताछ में यह बात भी सामने आई है कि आरोपित गजेंद्र सिंह ने बीएमडब्ल्यू कार आठ लाख रुपये में एग्रीमेंट पर खरीदी थी। कार मॉडल 2013 है। वह अपनी सैलरी में से इसकी किस्त भरता था। एक माह पहले उसकी ही टास्कअस कंपनी में नौकरी लगने पर वह इंदौर आया था।
युवक को रईस दिखने का शौक
आरोपी युवक को रईस दिखने का शौक है, इसलिए उसने यह कार खरीदी थी। कार में कई प्रकार की समस्या थी, क्योंकि यह 11 वर्ष पुरानी कार थी। वह इस कार के माध्यम से सभी को यह दिखाता था कि वह अमीर है। साथ ही वह महंगे कपड़े, घड़ी और मोबाइल रखने का भी शौकीन है।
लोग बोले नशे में था आरोपी, पुलिस का इनकार
- प्रत्यक्षदर्शी आरोपी के नशे में धुत रहने की बात कह रहे थे। हालांकि पुलिस इंकार कर रही है।
- पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, आरोपी की ब्लड की जांच में नशा करना सामने नहीं आया है।
- पूछताछ में आरोपी युवक ने इस बात पर अफसोस जताया कि उसके कारण ऐसा घटना हो गई।
क्या है इंदौर हिट एंड रन मामला
रविवार देर रात बीएमडब्ल्यू कार चालक गजेन्द्र प्रताप सिंह पुत्र सरदार सिंह गुर्जर (मूल निवासी ग्वालियर, हाल मुकाम सनसिटी) ने रांग साइड पर जाकर स्कूटी सवार युवतियों को टक्कर मार दी थी। इसमें ग्वालियर की रहने वाली दीक्षा पुत्री अशोक जादौन और लक्ष्मी पुत्री नाथूसिंह तोमर निवासी शिवपुरी की मौत हो गई थी।
दीक्षा बैंक में नौकरी करती थी। वह अपनी सहेली के साथ खजराना में मेला देखने गई थी। आरोपी के पिता ग्वालियर के लक्ष्मीगंज थाने में हैड कांस्टेबल थे, वहां से वीआरएस लिया था।