Crime
बारात तो शान से निकलनी ही थी तेवर जो नवाबी थे…
ऐसे तो आज पूरे देश के कोने-कोने में बहुत से तुच्चे लोग भी नेता या उनके सगे-सम्बन्धी बने फ़िरते हैं और रंगदारी करते वक़्त भूल ही जाते हैं कि बाप से पंगा मतलब खुद के जीवन में दंगा..ऐसे में एक और तुच्चा न जाने किस नेता से रिश्तेदारी या पहचान के अहंकार में उभर कर सामने आया है..
रायपुर(hct)| दरअसल मामला ऐसा है कि दो दिन पूर्व जब जनसामान्य कि सुविधा के लिए एवर ग्रीन चौक से चिकनी मंदिर गोलबाजार की ओर जाने वाली शासकीय सड़क को एक दुकान के नाववज़ादे ने अपनी बपौती समझ कर अपने अधिकार क्षेत्र से बढ़कर सड़क पर भी दुकान लगा रखी थी जिसके चलते अवागमन करने वाले सभी को दिक्कत झेलनी पड़ रही थी ऐसे में यातायात थाना कालीबाड़ी के (प्रधान आरक्षक शरद धनगर और आरक्षक संदीप मिश्रा) दो जवानों द्वारा जब इसका विरोध कर उसे सड़क से दुकान हटाने को कहा गया तो सलीम दल्ला (उक्त कपड़ा दुकान का मालिक) को न जाने अपने किस नेता से रिश्तेदारी याद आ गई कि वो उन पुलिस जवानों से भिड़ गया जो केवल जन सामान्य के हित में अपनी ड्यूटी निभा रहे थे|
देखने से तो ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे बरसों से शांत किसी नवाब की रूह ने अपना आपा खो दिया हो..
आक्रोश और विवाद का सिलसिला ऐसा बढ़ा की सलीम दल्ला पुलिस जवानों के साथ अश्लील गालीगलौंच कर हाथ उठाते हुए जान से मारने की धमकी देने लगा और उसके कुछ एक रहनुमा भी उसके पक्ष में हल्ला करते दिखे किन्तु इतनी उग्र परिस्थिति में भी अपने क्रोध को शांत रख अपना धैर्य बनाये हुए कानून की मर्यादा का पालन करने वाले यातायात पुलिस के जवानों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि..
“परिस्थिति चाहे कितनी ही विपरीत क्यों न हों पर शेर कभी कुत्तों का शिकार नही करते”|पुलिस विभाग के ऐसे जवानों का हाईवे क्राइम टाईम परिवार की ओर से बहुत-बहुत आभार जो विपरीत परिस्थितियों में भी अपने संविधान और अपने कानून की मर्यादा को बनाए रखते हैं और साथ ही हम राज्य शासन एवं न्यायालय से यह अनुरोध करते हैं कि शासकीय कार्य में बाधा डालने वाले ऐसे अपराधियों को कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाए जिससे हमारे जवानों का आत्मविश्वास और संविधान के प्रति सम्मान बना रहे|
फ़िलहाल नवाबदारी के रंग में सराबोर हुए गुण्डगर्दी करने वाले सलीम दल्ला को पुलिस ने IPC की धारा 294, 506, 186, 353 की तहत जुर्म दर्ज कर हिरासत में ले लिया है|