UP Crime: ‘पड़ोसी दिखा रहे पुलिस का डर, मरना ही एकमात्र रास्ता…’, सुसाइड नोट में इतना लिखकर फंदे पर झूला युवक
एक व्यक्ति ने सुसाइड नोट में लिखा कि बच्चों के झगड़े के बाद पड़ोसी उसे पुलिस का डर दिखाकर दबाव बना रहे थे, जिससे उसने आत्महत्या कर ली। मृतक ने अपने हाथ-पैर पर भी सुसाइड नोट लिखा था। पुलिस ने आत्महत्या की पुष्टि की है।
HighLights
- मृतक वीरेंद्र ने घर में फांसी लगाकर जान दी।
- सुसाइड नोट जेब और हाथ-पैर पर लिखा था।
- मां ने शव देखा तो बुरी तरह चीखने लगी।
एजेंसी, बागपत। पड़ोसी पुलिस का डर दिखा रहे हैं। मेरे लिए मरना ही एकमात्रा रास्ता बचा है। सुसाइड नोट में यह लिखकर युवक ने फांसी लगा ली। पुलिस को जांच में मृतक के पास से सुसाइड नोट मिला, जिसमें यह लिखा हुआ था। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
संवाद सूत्र, दाहा (बागपत) पलड़ी गांव में एक युवक ने घर में फांसी लगाकर जान दे दी। पुलिस ने युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। मृतक की जेब से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें लिखा है कि बच्चों के झगड़े में पड़ोसी उसे पुलिस का डर दिखाकर दबाव बना रहे थे।
मामला बागपत के दाहा क्षेत्र के पलड़ी गांव का है। वीरेंद्र उर्फ बबलू पुत्र रामकिशन (30) परिवार में सबसे छोटा है। वीरेंद्र के बड़े भाई रविंद्र ने बताया कि हम पांच भाई हैं, जिसमें वह सबसे छोटा था। उसकी अभी शादी नहीं हुई थी। वह मां कमला के पास ही रहा करता था। उसके साथ प्रदीप (भाई) भी रहता था। वह रोज की तरह सुबह छह बजे सैलून की दुकान चला गया था। उस समय मां और वीरेंद्र घर पर अकेले थे। मां करीब सुबह आठ बजे वीरेंद्र के कमरे के पास से निकली, तो उसका शव पंखे से लटका हुआ था। यह देखकर वह जोर-जोर से चीखने लगी।
इसलिए उठाया आत्महत्या जैसा कदम
परिवार ने पुलिस को मामले की जानकारी दी। पुलिस को वीरेंद्र की जेब से सुसाइड नोट मिला है। उसमें लिखा हुआ था कि बच्चों के बीच झगड़ा हुआ था। उसके बाद से पड़ोसी उसको पुलिस का डर दिखा रहे थे। मेरे पास आत्महत्या करने के सिवाय और कोई उपाय नहीं बचा था। रविंद्र यह चाहता था कि लोगों को उसकी मौत का कारण पता चले, इसलिए जेब में सुसाइड नोट रखने के बाद भी उसने हाथ-पैर पर भी आत्महत्या का कारण लिखा था।
दोघट थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह जादौन ने बताया कि युवक ने आत्महत्या की है। सुसाइड नोट की जांच कर रहे हैं। आगे कार्रवाई कराई जाएगी।