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इंजेक्शन लगाते ही मरीज की मौत, मुंबई भाग रहा था झोलाछाप; घमापुर पुलिस ने किया गिरफ्तार

मध्‍य प्रदेश के जबलपुर में डॉ. विश्वकर्मा होम्योपैथिक चिकित्स्क रहा। पोल न खुले, इसलिए वह ग्रामीण इलाकों के जाकर मरीजों को देखता था। मोहल्ले में आसपास के मरीजों को भी इंजेक्शन लगाने और दवाएं दे देता था। मरीजों और उनके स्वजन को यह पता ही नहीं था कि डॉ. विश्वकर्मा एलौपैथी का चिकित्सक नहीं है। तोतलानी की मौत के बाद उसका यह फर्जीवाड़ा सामने आया।

HighLights

  1. दो इंजेक्शन लगाए, इसके एवज में दो हजार रुपये लिए थे।
  2. आरोपित होम्योपैथी की जगह एलोपैथी की दवा दे रहा था।
  3. पुलिस ने न्यायालय में पेश किया, जहां से जेल भेज दिया।

जबलपुर (Jabalpur News)। मरीज का गलत उपचार करने के मामले में आरोपित होम्योपैथिक चिकित्सक फूलचंद् विश्वकर्मा को घमापुर पुलिस ने पकड़ लिया। आरोपित मुबंई भागने का प्रयास कर रहा था। वह स्वजन से मिलने आया तभी पुलिस ने उसे पकड़ लिया। चिकित्सक को पुलिस ने सोमवार को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया। पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपित होम्योपैथी की जगह एलोपैथी की दवा दे रहा था।

दो इंजेक्शन लगाए, इसके एवज में दो हजार रुपये लिए थे

घमापुर पुलिस ने बताया कि द्वारका नगर निवासी मनोहर तोतलानी (75) को बोलतोड़ हो गया था। परिजन उन्हें लेकर चुंगीचौकी दुर्गा मंदिर के पीछे क्लीनिक चलाने वाले डॉ. फूलचंद विश्वकर्मा के क्लीनिक पहुंचे। डा. विश्वकर्मा ने तोतलानी को दो इंजेक्शन लगाए। इसके एवज में दो हजार रुपये लिए थे।

तोतलानी का स्वास्थ्य बिगड़ा और उनकी मौत हो गई

स्वजन उन्हें लेकर बाहर निकले ही थे कि तोतलानी का स्वास्थ्य बिगड़ा और उनकी मौत हो गई। मामले में स्वजन ने चिकित्सक पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया था। मामले की शिकायत सीएमएचओ और पुलिस से की थी। जांच के बाद पुलिस ने आरोपित डा. विश्वकर्मा पर मई में प्रकरण दर्ज किया था।

खबर लगते ही घर से फरार, मिले इंजेक्शन्र, दवाएं

मामला दर्ज होने की खबर लगते ही चिकित्सक घर से फरार हो गया। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसके घर और क्लीनिक की जांच की, तो वहां एलौपैथी दवाएं और इंजेक्शन जब्त किए। जिन्हें बतौर सबूत जब्त कर लिया गया, लेकिन डॉ. पुलिस के हाथ नहीं आ रहा था। रविवार रात पुलिस को सूचना मिली कि वह घर आया है। यह पता चलते ही टीम ने उसके घर में दबिश दी और उसे दबोच लिया। पूछताछ में डॉ. ने बताया कि वह मुंबई भागने की फिराक में था।

पोल न खुल पाए, इसलिए ग्रामीण इलाकों में जाता था

डॉ. विश्वकर्मा होम्योपैथिक चिकित्स्क था। उसकी पोल न खुल पाए, इसलिए वह ग्रामीण इलाकों के मरीजों को वहां जाकर देखता था। मोहल्ले में आसपास के मरीजों को भी इंजेक्शन लगाने और दवाएं दे देता था। लेकिन मरीजों और उनके स्वजन को यह पता ही नहीं था कि डॉ. विश्वकर्मा एलौपैथी का चिकित्सक नहीं है। तोतलानी की मौत के बाद उसका यह फर्जीवाड़ा सामने आया।

 

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